पटना: Councilors Power Reduced बिहार विधानसभा द्वारा मंगलवार को नगर पालिका (संशोधन) विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित किया गया जिसमें नगर निकायों के पार्षदों से महापौर और उप महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने और इसके जरिए उन्हें हटाने की शक्ति छीनने की बात कही गई है। वार्ड पार्षदों की शक्तियों को सीमित करने वाले इस विधेयक को बिहार के शहरी नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन द्वारा विधानसभा में पेश किया गया। इस विधेयक का विरोध करते हुए विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया।
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Councilors Power Reduced विधेयक पेश करते हुए नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद का निर्वाचन प्रत्यक्ष कानूनी तौर पर हो रहा है। ऐसे में इनके खिलाफ लाया जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को खत्म करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष निर्वाचन के कारण ही बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 में संशोधन किया गया है। इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब महापौर और उपमहापौर के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने में विभाग की अहम भूमिका होगी। इसके अलावा, विधानसभा में दो अन्य विधेयक- बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, 2024 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (संशोधन) विधेयक, 2024 भी ध्वनिमत से पारित किए गए।
बता दें कि अब तक नियम था कि वार्ड पार्षद नगर निकायों के मुख्य पार्षद या महापौर के खिलाफ निर्वाचन के दो साल के बाद अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। उसके बाद फिर से एक-एक साल के अंतराल में यह प्रस्ताव लाने का प्रावधान था। इससे निर्वाचित पार्षदों के बीच गुटबाजी और अनुचित दबाव के कारण नगरपालिकाओं के विकास कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित मुख्य पार्षद या उप मुख्य पार्षद के विरुद्ध वार्ड पार्षदों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना प्रासंगिक नहीं है।