पटना, 18 दिसंबर (भाषा) बिहार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को ‘‘राजभवन मार्च’’ निकाला।
अदाणी समूह पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (बीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष कौकब कादरी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर भी चिंता व्यक्त करते हुए नारे लगाए।
बीपीसीसी मुख्यालय सदाकत आश्रम से शुरू हुए जुलूस को पुलिस ने राजभवन से एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बताया गया कि उन्हें निषिद्ध क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिसके बाद वे राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को संबोधित पार्टी के ज्ञापन के साथ राजभवन में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने पर सहमत हुए।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि कादरी के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन के एक अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा क्योंकि राज्यपाल शहर में नहीं थे।
ज्ञापन में, अदाणी पर कथित तौर पर ‘‘विदेशों के निवेशकों के सामने देश की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने’’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति की मांग की गई है।
अदाणी समूह ने सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए अनुकूल शर्तों को हासिल करने के लिए रिश्वत देने के आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप निराधार हैं और समूह सभी कानूनों का अनुपालन कर रहा है।
ज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर मणिपुर की स्थिति पर ‘‘उदासीनता’’ बरते जाने का भी आरोप लगाया गया। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने एक बार भी पूर्वोत्तर के अशांत राज्य का दौरा नहीं किया।
भाषा अनवर आशीष
आशीष
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