पटना, 26 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश ने मंगलवार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर धार्मिक अल्पसंख्यकों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों को ‘‘दोयम दर्जे के नागरिक’’ बनाने की ‘साजिश’ करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय में ‘‘संविधान दिवस’’ के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
प्रकाश ने उच्चतम न्यायालय के हालिया फैसले की भी सराहना की, जिसमें दिवंगत इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में लाए गए एक संशोधन द्वारा प्रस्तावना में शामिल किए गए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को बरकरार रखा गया था। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘भाजपा आज संविधान पर घड़ियाली आंसू बहा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने संवैधानिक संशोधन की वैधता को चुनौती दी थी। अब, मोदी को इस मामले पर एक या दो शब्द बोलना चाहिए।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), मुसलमान, ईसाई और सभी कमजोर वर्गों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिश की जा रही है।
प्रकाश ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संविधान का मसौदा तैयार करने में पिछली पीढ़ी के पार्टी नेताओं, विशेष रूप से दिवंगत सच्चिदानंद सिन्हा जैसे बिहार के नेताओं द्वारा निभाई गई भूमिका की याद दिलाई और कहा कि हमें अपने पूर्वजों द्वारा सौंपी गई विरासत के योग्य उत्तराधिकारी साबित होना चाहिए।
कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) पर टिप्पणी की, ‘‘क्या यह सच नहीं है कि तत्कालीन आरएसएस प्रमुख एमएस गोलवलकर ने संविधान की निंदा की थी और इसे अन्य देशों से उधार ली गई चीजों का मिश्रण बताया था, जिसे भारत पर थोपा जा रहा था।’’
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘आरएसएस के इस रवैये के कारण तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को संगठन पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था, जिसे आरएसएस नेतृत्व द्वारा माफी मांगने और संविधान का पालन करने का वादा करने के बाद ही हटाया गया था।’’
भाषा अनवर जितेंद्र
जितेंद्र
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