पटना : Attack on CBI Team: बिहार के नवादा से के बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। यहां नीट पेपर लीक मामले में जांच करने दिल्ली से पहुंची CBI की टीम पर हमला किया गया है। बताया जा रहा है कि, रजौली के कसियाडीह गांव के लोगों ने CBI को नकली समझकर मारपीट शुरू कर दी और गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की। CBI की इस टीम में स्थानीय पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल समेत चार अधिकारी शामिल थे। अधिकारियों के साथ मारपीट की सूचना रजौली पुलिस को दी गई। घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार पुलिसकर्मियों के साथ कसियाडीह गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
Attack on CBI Team: नीट पेपर लीक मामले में दिल्ली से बिहार के नवादा पहुंची सीबीआई की टीम पर हमले की खबर सामने आई है। रजौली के कसियाडीह गांव के लोगों ने सीबीआई को नकली समझकर मारपीट शुरू कर दी और गाड़ियों में जमकर तोड़फोड़ की. सीबीआई की जांच टीम में स्थानीय पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल समेत सीबीआई के चार अधिकारी शामिल थे। अधिकारियों के साथ मारपीट की सूचना रजौली पुलिस को दी गई। घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर राजेश कुमार पुलिसकर्मियों के साथ कसियाडीह गांव पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया।
VIDEO | A CBI team, probing the UGC-NET paper leak case, was attacked in Bihar’s Nawada earlier today. More details awaited.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvqRQz)
(Source: Third Party) pic.twitter.com/DccOYgnVaD
— Press Trust of India (@PTI_News) June 23, 2024
इस मामले के बारे में बात करते हुए नवादा के एसपी अंबरीश राहुल ने कहा कि, यूजीसी नेट पेपर लीक मामले में सीबीआई की टीम शनिवार को नवादा पहुंची थी। टीम के अधिकारियों ने जांच के दौरान दो मोबाइल फोन को जब्त किया। इस बीच ग्रामीणों ने टीम को नकली समझकर उनके साथ मारपीट की। इस मामले में महिला समेत चार लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है।
Attack on CBI Team: बता दें कि, नीट पेपर लीक मामले की जांच में अब तक बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे पांच राज्यों का कनेक्शन सामने आया है। इस मामले में बिहार की आर्थिक अपराध शाखा की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। केंद्र सरकार ने एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को पद से हटा दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंप दी है। साथ ही परीक्षा में सुधार के लिए इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन भी किया है।