पटना: BPSC declares results of December 13 exam, बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 के नतीजे बृहस्पतिवार को घोषित कर दिए। इस परीक्षा में कथित तौर पर अनियमितताओं को लेकर राज्य में कई हफ्तों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। बीपीएससी ने ‘अनुचित व्यवहार’ में संलिप्तता के कारण 13 अभ्यर्थियों को तीन वर्ष के लिए अपने द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया।
बीपीएससी ने ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट में कहा, ‘एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रा.) परीक्षा का परिणाम घोषित। कुल 21581 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। सफल उम्मीदवारों को बधाई और आगामी परीक्षा के लिए शुभकामनाएं। परीक्षा संचालन में सहयोग देने वाले सभी अधिकारियों और कर्मियों का आभार।’
आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ’13 दिसंबर को राज्य के 911 केन्द्रों पर एवं चार जनवरी को पटना में 22 केन्द्रों पर आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता (प्रा.) परीक्षा का परिणाम घोषित करते हुए आयोग को खुशी हो रही है।’ बयान में कहा गया है कि इस परीक्षा में कुल 328990 अभ्यर्थियों ने भाग लिया था।
बीपीएससी परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि परीक्षा में शामिल कुल 13 उम्मीदवारों को अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के कारण प्रतिबंधित किया गया है। सिंह ने बताया कि इनमें से ग्यारह वे थे जो 13 दिसंबर को पटना के बापू परीक्षा केंद्र में पैदा किए गए व्यवधान का हिस्सा थे, जिसके कारण वहां परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी।
उन्होंने कहा, ‘समस्तीपुर में भी एक अभ्यर्थी को नकल करने के आरोप में प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा, एक अभ्यर्थी को बीपीएससी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के कारण प्रतिबंधित किया गया है।’ सिंह ने कहा कि 13 अभ्यर्थियों को प्रतिबंधित करने का निर्णय सीसीटीवी फुटेज और अन्य वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण विवादों में रही थी। सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन पटना के एक केंद्र पर परीक्षा में शामिल हुए 12,000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए नए सिरे से चार जनवरी को परीक्षा आयोजित किए जाने का आदेश दिया गया।परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों ने गांधी मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी उनके साथ शामिल हुए और कई दिनों तक आमरण अनशन किया था।
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