नए आपराधिक कानून के तहत बिहार की पहली प्राथमिकी गया रेल थाने में दर्ज की गई |

नए आपराधिक कानून के तहत बिहार की पहली प्राथमिकी गया रेल थाने में दर्ज की गई

नए आपराधिक कानून के तहत बिहार की पहली प्राथमिकी गया रेल थाने में दर्ज की गई

:   Modified Date:  July 1, 2024 / 10:29 PM IST, Published Date : July 1, 2024/10:29 pm IST

पटना, एक जुलाई (भाषा) बिहार में भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत पहली प्राथमिकी गया जिले के रेल थाने में सोमवार को दर्ज की गई।

भारतीय न्याय संहिता की धारा 313 ( लुटेरों व डकैतों के गिरोह से संबंध) और 317 (5) (चोरी की चीज़ों को छुपाने में मदद) के तहत दो व्यक्तियों के खिलाफ गया जिले के रेल थाने में मामला दर्ज किया गया है।

सोमवार सुबह 11.15 बजे दर्ज किए गए इस मामले में पुलिस ने राजेश पासवान और मोहित कुमार नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 सोमवार से पूरे देश में प्रभावी हो गए। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।

पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए अपर महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) संजय सिंह ने कहा, ‘‘बिहार में राज्य भर में नई प्रणाली के सफल कार्यान्वयन और निर्बाध परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी की गई थी। राज्य पुलिस प्रदेश में नए आपराधिक कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण और जागरूकता सृजन के मामले में पूरी तरह तैयार है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य में नए कानून के तहत प्राथमिकी गया रेल थाने में दर्ज की गई है।

सिंह ने बताया कि नए आपराधिक कानून लागू होने पर आज राज्य के सभी 1300 थानों में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें संबंधित थानाध्यक्षों के द्वारा स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नये आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी दी गयी।

भाषा अनवर नोमान

नोमान

 

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