बिहारः उच्च न्यायालय ने बीपीएससी परीक्षा रद्द करने के अनुरोध वाली याचिकाएं खारिज की

बिहारः उच्च न्यायालय ने बीपीएससी परीक्षा रद्द करने के अनुरोध वाली याचिकाएं खारिज की

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  • Publish Date - March 28, 2025 / 06:46 PM IST,
    Updated On - March 28, 2025 / 06:46 PM IST

पटना, 28 मार्च (भाषा) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब पटना उच्च न्यायालय (एचसी) ने यह फैसला सुनाया कि पिछले साल दिसंबर में आयोजित इस परीक्षा के दौरान ‘कदाचार का कोई ठोस सबूत नहीं मिला’।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 13 दिसंबर को राज्य भर में 900 से अधिक केंद्रों पर आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) (प्रारंभिक) को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की।

खंडपीठ में न्यायमूर्ति पार्थ सारथी भी शामिल थे।

उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने आयोग से ‘मुख्य परीक्षा आयोजित कराने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि परीक्षा की प्रक्रिया शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी हो’।

पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर आयोजित इस परीक्षा के दौरान सैकड़ों अभ्यर्थियों द्वारा इसका बहिष्कार यह आरोप लगाते हुए किया था कि प्रश्नपत्र ‘लीक’ हो गया था।

हालांकि बीपीएससी द्वारा इस परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित कराई थी पर सैकड़ों अन्य अभ्यर्थियों ने ‘समान अवसर’ नहीं दिये जाने और 100 से अधिक परीक्षा केंद्रों पर अनियमितता बरते जाने का दावा किया था।

उन्होंने दोबारा परीक्षा की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जिसका बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और इंडिया गठबंधन में उनके अन्य सहयोगियों का समर्थन किया किया।

जन सुराज पार्टी के संस्थापक ने भी इसको लेकर ‘आमरण अनशन’ किया था और प्रदर्शनकारियों को ‘निशुल्क’ कानूनी सहायता प्रदान करने का वादा किया किया था।

भाषा सं अनवर पवनेश

पवनेश