पटना, 12 जनवरी (भाषा) जन सुराज पार्टी ने रविवार को दावा किया कि पटना जिला प्रशासन ने कथित तौर पर बिहार सरकार के आदेश पर उसे निजी भूमि पर शिविर लगाने से रोक दिया, क्योंकि सरकार पार्टी संस्थापक प्रशांत किशोर के विरोध से ‘घबरा गई’ है।
जिला प्रशासन ने आरोप से इनकार करते हुए दावा किया कि उसने पार्टी को ‘बिना सर्वेक्षण वाली सरकारी जमीन’ पर ‘पांडाल’ लगाने से रोक दिया ।
सोशल मीडिया पर एक बयान में पार्टी ने नीतीश कुमार सरकार पर कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में किशोर के वर्तमान आमरण अनशन से राज्य सरकार घबरा गयी है और प्रशासन ने उसे मरीन ड्राइव के पास ‘निजी भूमि’ पर शिविर नहीं लगाने दिया।
पार्टी के आरोप पर जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह कोई निजी जमीन नहीं है। यह गंगा के किनारे की बिना सर्वे वाली सरकारी जमीन है। इसलिए इस जमीन पर ऐसी कोई गतिविधि नहीं की जा सकेगी।’’
किशोर (47) को शनिवार को पटना के एक अस्पताल से उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के बाद छुट्टी दे दी गई। वह पिछले महीने आयोजित बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में दो जनवरी से ‘आमरण अनशन’ पर हैं।
किशोर को मंगलवार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उससे एक दिन पहले पुलिस ने उन्हें शहर में एक ऐसे स्थान पर धरना देने के लिए गिरफ्तार किया था, जहां ऐसे आंदोलन प्रतिबंधित हैं। बाद में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण विवादों में घिर गई है।
सरकार ने इन दावों को खारिज कर दिया। उसके बाद भी पटना के एक केंद्र पर परीक्षा में शामिल हुए 12,000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए फिर परीक्षा आयोजित की गई।
भाषा राजकुमार सुरेश
सुरेश
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