मुजफ्फपुरः Helicopter Crash in Bihar नेपाल में भारी बारिश का दंश बिहार झेल रहा है। नदी-नाले उफान पर हैं। कोसी, गंडक और गंगा नदी में बाढ़ के चलते शहर-कस्बे-गांव हर जगह तबाही देखने को मिल रही है। 24 घंटे में दरभंगा से लेकर सहरसा जैसे नए इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है। प्रशासन लोगों को राहत पहुचाने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहा है। बिहार के बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में पिछले तीन दिनों से राहत सामग्री गिरने की जिम्मेदारी सेना के हेलीकॉप्टरों ने उठाई है। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। राहत पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाल रहे एक हेलीकॉप्टर मुजफ्फरपुर में खुद ही बाढ़ के पानी में गिर गया।
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Helicopter Crash in Bihar आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने एक बयान में कहा है कि, पायलट की सूझबूझ से बड़ा हेलीकॉप्टर हादसा टल गया। इंजन फेल होने के बाद पायलट ने पानी में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग की। हेलीकॉप्टर में सवार सभी एयरफोर्स जवान और पायलट सुरक्षित हैं। पानी में लैंडिंग के दौरान विमान क्रैश हो गया। गनीमत रही कि इस हादसे में पायलट और सेना के जवान सुरक्षित हैं। घटना होते ही घटनास्थल पर आसपास के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों के पहल पर उन सभी जवानों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और अस्पताल में भर्ती कराया।
औराई में वायुसेना का हेलीकॉप्टर हादसा !!
जानकारी के अनुसार वायुसेना का यह हेलीकॉप्टर सीतामढ़ी से लेकर शिवहर, मुजफ्फरपुर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री गिरा रहा था !!
इसी दौरान मुजफ्फरपुर के औराई थाना क्षेत्र में बीच आसमान में इसका ईंजन फेल हो गया, पायलट ने सुझबूझ… pic.twitter.com/vLKpejccjN
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) October 2, 2024
बिहार सरकार का कहना है कि नेपाल में 70 घंटे की बारिश के बाद कोसी-गंडक में इतना पानी छोड़ दिया गया कि तबाही मच गई। उत्तरी बिहार में 24 घंटे के अंदर 4 जिलों में 7 तटबंध टूट चुके हैं। 55 प्रखंडों के 270 गांव पूरी तरह डूबे हुए हैं। आम जनता का सवाल यही है कि आखिर बिहार की बाढ़ वाली समस्या का क्या कोई समाधान नहीं है? आखिर आज तक किसी पार्टी और सरकार ने बिहार को बाढ़ से बचाने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई? आजादी के 70-80 साल बाद भी बिहार में बाढ़ की त्रासदी रोकने के लिए कोई ठोस उपाय क्यों नहीं किए गए।