PM E-Drive Scheme: नई दिल्ली। ऑटो उद्योग में इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की धूम मची हुई है। हर कोई ईवी वाहनों को खरीदने के लिए उत्सुक नजर आ रहा है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए FAME-2 स्कीम की जगह नई पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-Drive Scheme) स्कीम लॉन्च की है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी देने के साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी मोटी रकम खर्च की जाएगी। बता दें कि, यह योजना मार्च में समाप्त हो चुके फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) स्कीम को रिप्लेस करते हुए उसकी जगह लेगी।
पीएम ई-ड्राइव योजना को मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर को पीएम ई-ड्राइव योजना के लिए 10,900 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दे दी है, जो दोपहिया, एम्बुलेंस, ट्रक और तिपहिया वाहनों के लिए है। इस योजना के तहत 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख ई-थ्री व्हीलर और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों को सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा ये स्कीम देश भर में 88,500 साइटों पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर बनाने के लिए सपोर्ट करेगी।
इलेक्ट्रिक कारें स्कीम से बाहर
भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाली PM E-Drive आगामी दो साल तक के लिए लागू रहेगी। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक तिपहिया, इलेक्ट्रिक ट्रक और बसों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक एंबुलेंस की खरीद पर सब्सिडी दी जाएगी। हालांकि, इलेक्ट्रिक कारों को इस योजना से बाहर रखा गया है। सरकार का कहना है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर, इलेक्ट्रिक एम्बुलेंस, इलेक्ट्रिक ट्रक और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। इस योजना में राज्य परिवहन यूनिट्स और अन्य सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने का भी प्रावधान है, जिसके लिए 4,391 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं।
इलेक्ट्रिक बसों को दिया जाएगा सपोर्ट
सरकार ने कहा कि, 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले नौ शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बैंगलोर, पुणे और हैदराबाद में इलेक्ट्रिक बसों की मांग का एग्रीगेशन CESL द्वारा किया जाएगा। राज्यों से सलाह के बाद इंटरसिटी और इंटरस्टेट इलेक्ट्रिक बसों को भी सपोर्ट दिया जाएगा। मौजूदा समय में, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों अपनाने की प्रक्रिया धीमी गति से आगे बढ़ रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 56% थी, जबकि तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 38% थी। इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी बिक्री के पीछे चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एक बड़ी वजह है। ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल खटकता है कि, लंबी दूरी की यात्राओं के लिए चार्जिंग इंफ्रा उपलब्ध न होने के कारण उनका वाहन बंद हो सकता है।
चार्जिंग इंफ्रा पर खर्च होंगे पैसे
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत न सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जाएगी बल्कि चार्जिंग इंफ्रा को बेहतर करने के लिए भी मोटी रकम खर्च की जाएगी। इस स्कीम में इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे, जिसके लिए 2,000 करोड़ रुपये का खर्च करने की योजना है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक बसों के लिए 1,800 फास्ट चार्जर और इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव दिया गया है।