Hybrid Cars Registration Free: उत्तर प्रदेश। यूपी की योगी सरकार ने हाइब्रिड वाहन पर रजिस्ट्रेशन शुल्क शून्य कर दिया है। सरकार के इस फैसले से देश के ऑटो सेक्टर में उथल-पुथल मची गई है। इस फैसले से राज्य में पेट्रोल, डीजल और बैटरी के जरिये चलने वाली हाइब्रिड कार खरीदना 3 से 4 लाख रुपए तक सस्ता हो गया है। तो वहीं, उन ऑटोमोबाइल कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है, जो लंबे समय से इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस कर रही हैं।
ईवी कंपनियों की बढ़ी टेंशन
बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1 जुलाई से राज्य में हाइब्रिड कारों की रजिस्ट्रेशन फीस 100% माफ कर दी है। इन कारों के ऑन-रोड प्राइस में 3 से 4 लाख रुपए की कमी आई है। इसलिए ईवी कंपनियों की टेंशन बढ़ गई है, कि अन्य राज्य सरकारें भी ऐसा फैसला ना ले लें। दरअसल, भारत में सरकार का जोर इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने पर है। लेकिन, इसके साथ बैटरी चार्जिंग या बैटरी स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है। इसी का समाधान हाइब्रिड कारें हैं, जो असल में जबरदस्त माइलेज देती हैं। इस टेक्नोलॉजी में किसी कार के इंजन के साथ एक बैटरी भी जुड़ी होती है, जो एक्स्ट्रा माइलेज देने का काम करती है। बैटरी को चार्ज करने का सिस्टम ही इसे खास बनाता है।
इस कार कंपनी को मिलेगा फायदा
यूपी सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को मिलने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में अभी हाइब्रिड कारों की सबसे बड़ी रेंज मारुति सुजुकी के पास है। क्रॉस डील के तहत टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के पास भी हाइब्रिड कारों की एक रेंज है, जबकि होंडा का भी एक मॉडल इस कैटेगरी में शामिल है। वहीं, इस फैसले का सबसे ज्यादा फर्क टाटा और महिंद्रा को पड़ने वाला है।
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