भोपाल। MP Assembly Elections 2023 लंबे इंतजार और तगड़े होमवर्क के बाद कांग्रेस ने नवरात्रि के पहले दिन 144 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। जैसा अंदाजा था ठीक वैसे ही टिकट वितरण से नाराज दावेदारों के प्रदर्शन से पार्टी दफ्तर में हंगामेदार हालात दिखे। बीजेपी अब कांग्रेस पर वंशवाद और पैराशूट उम्मीदवार उतारने के आरोप के साथ वार कर रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी के कई दिग्गजों को कांग्रेस में शामिल करवाकर कांग्रेस ने बीजेपी को एक और झटका दिया है। अब सवाल ये कि टिकट वितरण के बाद विकट हालात किस खेमे में हैं। कौन किस स्तर तक डैमेज को मैनेज कर पा रहा है?
MP Assembly Elections 2023 पितृपक्ष खत्म होते ही कांग्रेस ने नवरात्रि के पहले ही दिन 144 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। जिसके बाद प्रदेश से लेकर जिला मुख्यालयों पर टिकट कटने से नाराज़ दावेदारों और उनके समर्थकों ने प्रदर्शन शुरु कर दिया। PCC चीफ कमलनाथ के बंगले पर बुधनी से आए कांग्रेसी नेताओं ने नारेबाजी की। नाराज कार्यकर्ताओं का विरोध कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी विक्रम मस्ताल शर्मा को लेकर था। विक्रम मस्ताल टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक रामायण में बजरंग बली का किरदार निभा चुके हैं। बुधनी के अलावा- दतिया, ग्वालियर, खरगापुर, नागौद, छतरपुर, उज्जैन, पन्ना में टिकट वितरण से खफा कई पदाधिकारियों ने पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया। सतना के नागौद से पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह यादव तो कांग्रेस छोड़ बसपा में शामिल हो गए हैं। वैसे, कांग्रेसी खेमें में इस हालात की आशंका पहले से थी। खुद पीसीसी चीफ मानते हैं कि 230 सीटों के लिए 4000 से ज्यादा आवेदन मिले लिहाजा टिकट कटने वालों में नाराजगी तो होगी ही।
वैसे, टिकट कटने से नाराज नेताओं की फेहरिस्त बीजेपी में भी काफी लंबी है। नाराज नेताओं ने नारेबाजी से लेकर विरोधी खेमें में शामिल होने तक कई कदम उठाए। PCC चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में गाडरवारा से बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी गौतम पटेल, पूर्व गृह मंत्री महेंद्र बौद्ध, बसपा से उमेश यादव ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कमलनाथ ने दावा किया कि ये नेता बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुए हैं। हालांकि गाडरवारा सीट पर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। लिहाजा अटकलें हैं कि कांग्रेस गौतम पटेल पर दांव खेल सकती है। उधर कांग्रेस की पहली लिस्ट पर आते ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर परिवारवाद,वंशवाद और आपराधिक चरित्र को लेकर करारा वार किया।
फिलहाल कांग्रेस के 86 सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। जबकि बीजेपी को 94 सीटें पर प्रत्याशी घोषित करना शेष है। ऐसे में चुनावी तारीख नजदीक आते-आते दल-बदल का खेल तेज़ होना तय है।