इंदौर: अमूमन सियासी दल या तो अपने उम्मीदवार के जीत का जश्न मानते हैं या फिर अपने प्रतिस्पर्धी के हार का। लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर में नजारा इनसे अलग हैं। यहाँ न जीत का जश्न मन रहा और न ही हार का, बल्कि ये जश्न हैं NOTA को मिले रिकॉर्ड वोट का। कांग्रेस खेमे में नोटा को मिले भारी वोट से खासा उत्साह हैं। इस मौके पर इंदौर के कांग्रेसजन मुख्यालय में जमा हुए और केक काटकर खुशियां मनाई।
दरअसल मध्यप्रदेश के इंदौरा सीट में इस उलटफेर देखने को मिला। यहाँ नामांकन वापसी के आखिरी दिन कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापसी ले लिया और भाजपा में शामिल हो गए। अक्षय कांति के इस फैसले के बाद भाजपा के उम्मीदवार शंकर लालवानी के लिए महज औपचारिकता ही शेष रह गई।
लेकिन कांग्रेस हार कहाँ मानने वाली थी। उन्होंने इसके बाद पूरे क्षेत्र में नोटा का प्रचार शुरू कर दिया। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने किसीऔर प्रत्याशी को समर्थन देने के बजाये नोटा में बटन दबाने का संकल्प लिया और हुआ भी ऐसा।
जारी आंकड़ों के मुताबिक़ देशभर में पहली बार नोटा को रिकार्ड 2 लाख 18 हजार 674 वोट मिले हैं। यह पहला मौक़ा हैं जब नोटा ने दो लाख का आंकड़ा पार किया हो। जाहिर हैं ये वोट कांग्रेस के वोटर्स ने किया था। वही इसका फायदा सीधे शंकर लालवानी को मिला और उन्होंने इंदौर सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की। भाजपा के शंकर लालवानी को 12 लाख 26 हजार 751 मत मिलें और इस तरह उन्होंने अपने निकटतम उम्मीदवार बसपा के संजय सोलंकी को 10 लाख 8 हजार 77 वोटों के विशाल अंतर से हरा दिया। सोलंकी को महज 51 हजार 659 वोट ही मिलें।