सक्तीः Chunavi Chaupal in Jaijaipur छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में दोनों प्रदेशों की राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। वहीं अब सियासत भी गर्म होने लगी है। पक्ष और विपक्ष के बीच योजनाओं को लेकर जमकर बयानबाजी देखने को मिल रही है।
इस चुनावी साल में IBC24 एक बार फिर आपके पास पहुंच रहा है। हम अपने कार्यक्रम चुनावी चौपाल के जरिए आपसे संवाद कर आपके मुद्दों को जानेंगे। आज हमारी टीम छत्तीसगढ़ के जैजैपुर विधानसभा पर पहुंची और लोगों से वहां की समस्याओं और विधायक के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की। तो चलिए जानते हैं जैजैपुर विधानसभा सीट का हाल…
2008 में परिसीमन में मालखरौदा, पामगढ़, सक्ती के क्षेत्र को मिलाकर जैजैपुर विधानसभा सीट बनी। वर्तमान में यह सीट नवनिर्मित सक्ती जिले में आती है। इस विधानसभा सीट को बसपा का गढ़ माना जाता है। अब तक हुए तीन विधानसभा चुनाव में यहां बसपा दो बार जीती है। कांग्रेस ने सिर्फ एक बार अपना परचम लहराया है।
2008 का पहला चुनाव हुआ तो पामगढ़ छोड़कर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने यहां जीत दर्ज की। उन्होंने मालखरौदा के तत्कालीन विधायक निर्मल सिन्हा को पराजित किया था। दिलचस्प बात ये है कि बसपा दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस के मंहत रामसुंदर दास को 43346 वोट मिले थे। वहीं बसपा के केशवचंद्र को 33907 वोट मिले थे।
Chunavi Chaupal in Jaijaipur : 2013 के विधानसभा चुनाव में जैजैपुर की जनता ने आश्चर्यजनक परिणाम दिया। बसपा दूसरे नंबर से पहले नंबर पर आ गई। इसी का नतीजा था इस सीट पर केशव चंद्रा ने जीत दर्ज करते हुए बसपा ने खाता खोला। 2013 में वे प्रदेश में बसपा के इकलौते विधायक थे। कांग्रेस पहले नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंच गई। बसपा के केशव चंद्रा को 47188 वोट मिले थे। बीजेपी के डॉ। कैलाश शाहू को 44609 मिले थे।
2018 में जैजैपुर विधानसभा सीट की जनता ने फिर बसपा के केशव चंद्रा पर विश्वास जताया। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार को 21687 वोटों से हराया। बसपा उम्मीदवार को 64774 वोट मिले। वहीं, बीजेपी के कैलाश साहू को 43087 वोट मिले। जबकि कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार चंद्रा को 38594 वोट मिले।
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Chunavi Chaupal in Jaijaipur जांजगीर जिले की दूसरी विधानसभा सीटों की तरह ही जैजैपुर विधानसभा सीट पर मुद्दों की कमी नहीं हैं। जब हमने यहां के मतदाताओं से बात करने की तो विधायक और विकास पर मिली जुली प्रतिक्रिया मिली। एक मतदाता ने कहा कि जैजैपुर में बस स्टैंड एक बड़ी समस्या है, यहां यात्री प्रतिक्षालय की कमी है।
ग्रामीण इलाके के एक मतदाता ने कहा कि ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। ग्रामीण इलाकों में अस्पताल नहीं है। नागरिकों को इलाज के लिए दूसरे शहरों की ओर जाना पड़ता है। एक और मतदाता ने कहा कि विधायक के ही गांव के आसपास मौजूद अन्य गांवों की सड़क नहीं पाई है। राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गुरूकोला गांव के सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि यहां एसडीएम कार्यालय होना चाहिए था लेकिन विधायक और जनप्रतिनधियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। सरपंचों का हाल बयां करते हुए उन्होंने कहा कि सरपंच बनने के तीन साल बाद भी ग्राम पंचायतों में पैसा नहीं है। सरपंच यदि काम मंगाने के लिए जाते हैं तो पर्सेंट का डिमांड होता है। कुल मिलाकर कहे तो विकास के काम ठप पड़े हैं।