पन्नाः छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के साल 2023 बेहद खास रहने वाला है। दोनों राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। लिहाजा अब दोनों ही प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मिया बढ़ रही है। विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है तो वहीं सरकार भी विपक्ष के पुराने कार्यकाल के कार्यों का हवाला देते हुए निशाना साध रही है।
इस चुनावी साल में एक बार फिर हम आपके पास आ रहे है। चुनावी चौपाल के जरिए हम आपसे संवाद कर आपके मुद्दों को जानेंगे और सरकार की योजनाओं सहित विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रदर्शन पर फीडबैक लेंगे। इसी कड़ी में आज हम पहुंचे हैं मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के गुनौर विधानसभा सीट पर…
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में आने वाली गुनौर विधानसभा सीट पर 2008 से ही अस्तित्व में आई है। यह सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। 2,12,160 वोटरों वाली इस सीट हुए अब तक के चुनावों में दो बार भाजपा और एक बार कांग्रेस को जीत मिली है। वर्तमान में यहां से कांग्रेस के शिवदयाल बागरी विधायक है।
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां पहली बार कांग्रेस ने कब्जा किया था। गुन्नौर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजेश कुमार वर्मा और कांग्रेस के शिवदयाल बागरी के बीच मुकाबला था। कांग्रेस उम्मीदवार ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव को 1984 वोटों से जीता था।
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साल 2013 के विधानसभा चुनाव में गुनौर विधानसभा सीट पर बीजेपी के महेंद्र सिंह और कांग्रेस के शिवदयाल के बीच टक्कर थी। लेकिन नतीजों में बीजेपी उम्मीदवार ने 1337 वोटों से जीत दर्ज की। कांग्रेस यहां छठे नंबर की पार्टी रही, जिसे महज एक फीसदी वोट हासिल हुए थे। बीएसपी और 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने इस चुनाव में कांग्रेस से ज्यादा वोट पाए थे।
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साल 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राजेश कुमार वर्मा को यहां से जीत मिली थी। इस चुनाव में उनका मुकाबला बीएसपी के जीवन लाल सिद्धार्थ से था। बीजेपी ने बीएसपी को करीब 5 हजार वोटों से शिकस्त दी थी। इसके अलावा 2008 के चुनाव में कांग्रेस ने 18, राष्ट्रीय समता दल ने 8 और समाजवादी पार्टी ने 1.6 फीसद वोटों पर कब्जा किया।
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गुन्नौर सीट पर यूं तो मुद्दों की कमी नहीं है। जब हमने यहां के स्थानीय मतदाताओं से बात करने की कोशिश की तो कई ऐसे मुद्दे और समस्या सामने आई, जिससे यहां की जनता को दो-चार होना पड़ रहा है। यहां के लोगों ने रोजगार को अपनी सबसे बड़ी समस्या बताई। एक मतदाता ने कहा कि रेलवे ने जमीन तो ले ली है लेकिन मेडिकल होने के बाद भी नौकरी नहीं दी। विधायक के पास शिकायत के बारे पूछा तो उन्होंने कहा कि विधायक तो अपना कुछ नहीं कर पाते हैं तो जनता का क्या करेंगे।
एक अन्य मतदाता ने कहा कि 5 सालों में यहां कुछ नया नहीं देखने को मिला है। गुनौर ने 15 महीने की कांग्रेस की सरकार देखी और अभी भाजपा की भी, लेकिन दोनों ही सरकारों ने गुनौर के लिए कुछ नहीं हुआ। विधायक ने 5 सालों में कुछ नहीं किया।
आम लोगों की समस्य़ा को लेकर एक युवा मतदाता ने कहा कि बिजली, पानी समेत कई ऐसी समस्याएं है, जिससे जनता को जूझना पड़ता है। सरकारी खर्चें में काम तो हो नहीं पाता, इसलिए खुद के पैसे नाली को साफ करना पड़ता है।