रायपुर। CG Vidhansabha Chunav 2023 छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर बहस होना नया नहीं है। ऐन चुनाव की घड़ी में एक बार फिर नक्सली किसके साथ, कौन कर रहा है नक्सलियों से सांठ-गांठ इस पर बहस छिड़ गई है। झीरम मामले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए, मामले को दबाए रखने, जांच में अडंगा डालने का आरोप लगाया। तो पलटवार में भाजपा ने कांग्रेस को झूठा बताते हुए अपने ही शहीद नेताओं से छल करने वाला करार दिया। आखिर क्या है इस बहस के पीछे का असल मकसद, कौन कर रहा है नक्सल मुद्दे पर सियासत क्या इसका कोई चुनाव कनेक्शन भी है।
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CG Vidhansabha Chunav 2023 चुनाव आते ही कौन किसके साथ है, कौन किसकी बी टीम है, इस पर फिर बहस गर्मा गई है। प्रदेश के मुखिया CM भूपेश बघेल ने विपक्षी दल भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि BJP की नक्सलियों के साथ साठगांठ है। बीजेपी नहीं चाहती कि जीरम हमले पर जांच हो। प्रदेश पुलिस जांच करवाना चाहे तो जांच रोकने BJP नेता कोर्ट तक चले गए। CM ने सवाल उठाया कि NIA ने आखिर क्यों FIR में दर्ज गणपति और रमन्ना का नाम हटाया। इसके पीछे मंशा क्या है?
इधऱ, बीजेपी ने सीएम के बयान पर करारा पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने उल्टे कांग्रेस सरकार और मुखिया पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि CM झूठ बोलना बंद करें। साथ ही तंज कसा कि आप ही घूम-घूम कर कहते थे। सारे सबूत मेरी जेब में, तो फिर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की। ये झीरम के शहीदों के साथ छल है।
नक्सलवाद, प्रदेश के विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा रहा है। ये भी सच है कि झीरम कांड में कांग्रेस ने अपनी फ्रंट लाइन के कई नेताओं को एक साथ एक झटके में खो दिया था। जिसके पीछे सियासी षड़यंत्र वाले एंगल से जांच अब तक अटकी हुई है। इसमें अड़ंगा कौन लगा रहा है, कौन जांच नहीं चाहता, आखिर नक्सलियों से सांठ-गांठ किसकी है। इन सारे सवालों पर बहस नई नहीं है, लेकिन अब ऐन चुनाव के वक्त इस बहस के क्या मायने हैं?