रायपुर। CG Election Exit Poll 2023 30 नवंबर को तेलंगाना में मतदान खत्म होते ही सभी टीवी चैनल्स पर विभिन्न सर्वे एजेंसीज के एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जाने लगे। एग्जिट पोल सर्वे जिसमें मतदान कर बाहर निकलते मतदाताओं से बात के आधार पर सर्वे किया जाता है। इसी एग्जिट पोल रिपोर्ट के आधार पर अगली सरकार किसकी, इसे लेकर अनुमान लगाया जाता है। हर बार की तरह इस बार भी एग्जिट पोल के आधार पर लगाए जा रहे अनुमानों पर बहस छिड़ गई है। पोल रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा लेकिन 2018 चुनाव नतीजों से कम सीटें मिल रही हैं, जबकि बीजेपी को बढ़त लेकिन प्रचंड बहुमत जैसी स्थिति नहीं दिख रही, आखिर क्या है इसकी वजहें, क्या हैं दोनो पक्षों के तर्क?
CG Election Exit Poll 2023 टीवी स्क्रीन पर अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल सर्वे से उभरी तस्वीर पर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। छत्तीसगढ़ के लिए तकरीबन सभी सर्वे रिपोर्ट्स में कांग्रेस को 56 से ज्यादा सीटें मिलती नहीं दिख रहीं। ये भी सच है कि सत्ता विरोधी लहर जैसी बात भी अनुमानों में नजर नहीं आती कांग्रेस ने सभी सर्वे में भाजपा पर बढ़त बनाई हुई है। एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक कांग्रेस अपने पुराने रिकॉर्ड 68 सीटों को कायम रखती नहीं दिख रही। यानि कांग्रेस अपनी कुछ सीटें हार रही है, जाहिर है इसमें कुछ मंत्री और वरिष्ठ विधायकों की हार भी हो सकती है। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि कई मंत्री और वरिष्ठ विधायक टाइट फाइट में उलझे हुए हैं। दूसरी तरफ सर्वे रिपोर्टस के मुताबिक 38 सीटों पर नए प्रत्याशी उतारने का फैसला भी कांग्रेस के पक्ष में दिखाई नहीं पड़ता अगर दूसरे पक्ष यानि भाजपा को देखें तो उसकी सीटें बढ़ती तो दिख रही हैं लेकिन स्पष्ट और मजबूत बहुमत के आंकड़े से दूर भाजपा ने भी इस बार तीन दर्जन से ज्यादा नए चेहरों को प्रत्याशी बनाया, पहले प्रत्याशी उतारे फिर भी कई सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के भी कई दिग्गज पूर्व मंत्रियों की सीटों पर मामला उलझा हुआ है। जाहिर है सर्वे के बाद कांग्रेस और भाजपा नेता खुद का पाला मजबूत बताकर विरोधी पर तंज कस रहे हैं।
वैसे, दावों के दौर की हकीकत यही है कि अपने खेमें के कार्यकर्ताओँ का उत्साह बनाए रखने के नेता फायनल नतीजों के अपने पक्ष में आने का दम भर रहे हैं। पर असल में जीत का पटाखा कौन फोड़ता है सत्ता के सिंहासन पर कौन काबिज होता है। किसका विजय लक्ष्य पूरा होता है। इसके लिए सबको 3 दिसंबर तक इंतजार करना ही होगा। तब तक बहस जारी है रहेगी कि फायनल नतीजे एग्जिट पोल के अनुमान के अनुरूप होंगे या उलट, चौंकाने वाले?