रायपुर। CG Assembly Election 2023 2018 में 68 सीटों के साथ 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस अबकी बार 75 पार के लक्ष्य को लेकर चल रही है। 7 और 17 नवंबर को दो फेस में चुनाव की तारीखें आ चुकी हैं। सामने बीजेपी 90 में से 85 उम्मीदवार मैदान में उतार चुकी है लेकिन अभी तक पार्टी ने उम्मीदवारों की एक भी लिस्ट जारी नहीं की है क्योंकि इस बार 2023 में जीत के लिए पार्टी हड़बड़ी में कोई भी गड़बड़ी करना नहीं चाहती। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रत्याशी चयन को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि इस बार दो दर्जन पार्टी विधायकों पर टिकट काटे जाने की तलवार लटक रही है।
CG Assembly Election 2023 छह बार से ज्यादा प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति और तीन बार स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद आज दिल्ली में दिल्ली में CEC यानि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों और खासकर पहले चरण की 20 सीटों पर नाम तय करने मंथन का फायनल दौर चला, तो दूसरी तरफ प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों पर टिकट कटने की तलवार लटकी हुई है।
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बैठक से पहले ही कई टिकट दावेदारों ने दिल्ली पहुंचकर अंतिम स्तर पर जोर भी लगा रखा है। इस बीच कांग्रेसी खेमें में 2 बड़ी खबरों ने विधायकों की नींद उड़ा रखी है पहला ये कि इस बार पार्टी विधानसभा चुनाव में 40 नए चेहरों को टिकट देने जा रही है और दूसरा ये कि 25 से ज्यादा मौजूदा विधायक डेंजर जोन में हैं, जिनमें से 15 विधायकों का टिकट कटना तय है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है।
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विधायकों की उम्र, निष्क्रियता, सर्वे रिपोर्ट और फीडबैक का साथ ही कुछ विधायकों को लेकर संगठन से दूरी और भ्रष्टाचार के आरोप भी हैं। बहरहाल, ये साफ है कि जो भी होगा। आज की बैठक में तकरीबन सभी नामों पर फायनल मुहर लगाई जा सकती है। जिसका संकेत दिल्ली रवाना होने वक्त खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया। कुछ कांग्रेसी विधायकों के टिकट काटे जाने के पीछे भाजपा कैंडिडेट के सामने एक मजबूत दावेदाव उतारना भी वजह मानी जा रही है, दूसरी तरफ भाजपा ये कह कर तंज कस रही है कि कांग्रेस चाहे लाख कोशिश कर ले, कोई फायदा नहीं होगा।
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कुल मिलाकर सत्तापक्ष के सामने चुनौती है, भाजपा के घोषित उम्मीदवारों के मुकाबले विनिंग फेस उतारने की। फिर चाहे मौजूदा विधायकों के टिकट काटने पड़ें या नए चेहरे उतारने पड़ें। कांग्रेस कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती, ये भी साफ है कि अब वक्त बहुत कम है। 13 अक्टूबर से पहले चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है और माना जा रहा है कि ऐसे में कांग्रेस आगामी 48 घंटे के भीतर अपनी लिस्ट जारी कर देगी। सबसे अहम सवाल ये कि उम्मीदवारों की घोषणा के बाद, असंतोष को थामना, बगावत को रोकना, डैमेज कंट्रोल करना भी बड़ा चैलेंज होगा। क्या कांग्रेस इसके लिए तैयार है?