जांजगीर-चाम्पा: छत्तीसगढ़ के लोक गायक और पुराने कांग्रेसी रहे गोरेलाल बर्मन ने कांग्रेस छोड़ दी है। दुसरे नेताओ की तरह अब उन्होंने भी गुलाबी साफा पहन लिया है यानी वह भी जोगी के पाले में जा चुके है। इस बार के चुनाव में गोरेलाल बर्मन कांग्रेस की तरफ से चुनावी टिकट के बड़े दावेदार थे लेकिन उन्हें पार्टी ने मौक़ा नहीं दिया। गोरेलाल जांजगीर-चाम्पा जिले के पामगढ़ से टिकट की मांग कर रहे थे। पार्टी ने यहाँ से महिला प्रत्याशी पर दांव खेलते हुए शेषराज हरबंश को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस पूरे मामले पर गोरेलाल बर्मन का बयान भी सामने आया है। वे अपनी पार्टी कांग्रेस से काफी नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि 20 साल तक पार्टी में बने रहें के बावजूद टिकट नहीं दिया और इस बात से काफी आहत है। हालांकि 2018 में वह बसपा के हाथों हार गए थे। लेकिन आज की नाराजगी के साथ ही उन्होंने अमित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस का दामन थाम लिया। अब वह संभवतः हल चलाते निशान पर चुनाव लड़कर भाजपा और कांग्रेस को चुनौती पेश करेंगे।
जांजगीर चाम्पा का पामगढ़ विधासनभा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। यह प्रदेश का एकमात्र सीट है जहां भाजपा और कांग्रेस से अधिक मायावती की क्षेत्रीय पार्टी बसपा का दबदबा रहा है। बसपा ने यहाँ से भाजपा और कांग्रेस को पटखनी भी दी है। बात करें पामगढ़ के चुनावी इतिहास की तो पिछली बार यानी 2018 में यहाँ बसपा ने बड़ी जीत दर्ज की थी। बहुजन समाज पार्टी की इंदु बंजारे ने कांग्रेस के गोरेलाल बर्मन को पटखनी देते हुए यहाँ से करीब तीन हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। भाजपा 2018 में यहाँ तीसरे नंबर पर रही थी। ग्राफिक्स में देखे 2013 और 2008 चुनावी नतीजे।