रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव से आज यानी 22 दिसंबर को पहली बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे है। विधानसभा सत्र के अवसान के बाद आज राजभवन में भाजपा के नौ विधायक मंत्रीपद की शपथ लेंगे। इस मंत्रिमंडल में नए-पुराने चेहरों को एक साथ जगह दी गई है। साथ ही इस पूरे विस्तार में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का भी पूरा-पूरा धयान रखा गया है। भाजपा ने सरगुजा की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज की है लिहाजा क्षेत्र को उपकृत करते हुए संभाग से 3 विधायकों को मंत्रीपद में जगह दी है। इनमे वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम, श्याम बिहारी जायसवाल और युवा महिला विधायक लक्ष्मी राजवाड़े का नाम शामिल है।
सीएम ने विधायकों की वरिष्ठता का पूरा ध्यान रखा है। यही वजह है कि बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल और केदार कश्यप जैसे पुराने मंत्रियों को भी शामिल किया है।
बात करें केदार कश्यप की तो वह बस्तर क्षेत्र से साय की कैबिनेट में अकेले मंत्री होंगे। उन्होंने इस बार भी अपने परंपरागत सीट नारायणपुर से किस्मत आजमाया और जीत हासिल की। केदार कश्यप ने कांग्रेस के चंदन कश्यप को 19 हजार 188 वोटों के अंतर से हराया। केदार कश्यप भाजपा के फायर ब्रांड नेताओं में गिने जाते है। अपनी धारा प्रभाव शैली की वजह से अक्सर वह मीडिया में पार्टी का पक्ष रखते हुए दिखाई पड़ते है। आज केदार कश्यप बस्तर में भाजपा के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में से एक है। केदार कश्यप डॉ रमन सिंह के पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री रह चुके है।
बात करें उनके सियासी करियर की तो केदार कश्यप को सियासत विरासत में मिली है। हालांकि आज केदार कश्यप भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेताओं में गिने जाते है। केदार बस्तर के पूर्व सांसद स्व. बलिराम कश्यप के बेटे है। यह बलिराम कश्यप का सियासी कद ही है कि उन्हें पीएम मोदी ने अपना बस्तर का गुरु मानते है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 1998 में नरेंद्र मोदी को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया था। उन दिनों नरेंद्र मोदी लगातार बस्तर दौरे पर हुआ करते थे। बस्तर में रहकर नरेंद्र मोदी बलिराम कश्यप के साथ बस्तर के चप्पे चप्पे में जाकर चुनावी बैठक किया करते थे। इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी उन दिनों बस्तर में बेहद ही अंदरूनी इलाकों में जाकर कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करते थे। उनके साथ हमेशा बलिराम कश्यप रहते थे। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घनिष्ठता बलिराम कश्यप से सबसे ज्यादा बस्तर संभाग के दौरे के दौरान ही बढ़ी थी। लोकसभा में 1998 से 1999 तक सांसद रहे। फिर वह लगातार 1999 यानी 13वीं लोकसभा, साल 2004 14वीं लोकसभा और साल 2009 15वीं लोकसभा में लगातार सांसद बने रहे।
इस तरह देखा जाएँ तो केदार कश्यप को मंत्री बनाकर भाजपा ने न सिर्फ बस्तर का ध्यान रखा है बल्कि उन्होंने स्व. नेता बलिराम कश्यप के राजनीतिक विरासत और भाजपा के प्रति सेवा और समर्पण का भी पूरा-पूरा ख्याल रखा है।