रायपुर: छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में चुनाव संपन्न हो चुके है। बात करें परिणामों की तो 3 राज्यों छग, एमपी और राजस्थान में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला है। वही तेलंगाना में कांग्रेस ने बीआरएस को सत्ता से बेदखल कर दिया है। मिजोरम में भी मतगणना पूरी कर ली गई जहाँ जेपीएम को बहुमत हासिल हुआ है। इस तरह भाजपा ने प्रमुख राज्यों को हथियाने में कामयाबी पाई है।
इन नतीजों के बाद कांग्रेस खेमे सन्नाटा पसरा हुआ है। पार्टी हार की वजहों को तलाशने में जुटी हुई है तो वही सबसे ज्यादा अप्रत्याशित नतीजे वाले राज्य छत्तीसगढ़ के प्रदेश कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर ही सवाल खड़े करते हुए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में मतपत्र का इस्तेमाल किये जाने की मांग रख दी है।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि जनता का एक बड़ा वर्ग ईवीएम पर सवाल खड़ा कर रहा। जहां प्रत्याशी तक नहीं दिखे, वहां से 40000 की जीत कैसे हुई? उन्हें यह हार हजम नहीं हो पा रही है। कई जगह निर्दलीय प्रत्याशी को खुद उसका वोट तक नहीं मिला है। शुक्ल ने कहा कि अगर इस पर सवाल खड़े हो रहे है तो चुनाव आयोग आयोग को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वे मांग करते है कि आने वाला लोकसभा चुनाव वैलेट पेपर से कराया जाए।
गौरतलब है कि छग में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। यहाँ कांग्रेस ने जहाँ पिछली बार 68 सीटों पर जीत हासिल की थी तो वही इस बार वह 35 पर आकर सिमट गई। इसी तरह महज 15 सीटें हासिल करने वाली भाजपा को 54 सीटों पर जीत मिली है। एक सीट इस बार गोंगपा के खाते में गई है। 2023 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 9 मंत्रियों को हार का मुँह देखना पड़ा है।