रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण के चुनाव को 7 दिन बचे हैं लेकिन अभी तक भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है। ऐसी चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी दो चरणों में घोषणा पत्र जारी करेगी। प्रथम चरण के चुनाव के लिए एक-दो दिन में घोषणा पत्र जारी होंगे।
छत्तीसगढ़ में घोषणा पत्र के मामले में कांग्रेस ने बाजी मार ली है जिसका ग्रामीण इलाकों में असर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी, 500 रू में महिलाओं को सिलेंडर, आयुष्मान योजना के तहत 10 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त , महिला स्व सहायता समूह का कर्ज माफ , 200 यूनिट तक की बिजली माफ सहित 15 से ज्यादा घोषणाएं कर दी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता केवल यही राग अलाप रहे हैं कि उनका घोषणा पत्र जनता की भावनाओं के अनुरूप होगा, विकास का रॉकेट होगा। इस बीच यह भी चर्चा है कि बस्तर और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में होने वाले प्रथम चरण के चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी पहले चरण के चुनाव के लिए एक-दो दिन में घोषणा पत्र जारी कर सकती है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी का कोई भी नेता इस बारे में खुलकर नहीं बोल रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र समिति के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि उनका घोषणा पत्र में आदिवासी , वनवासी , तेंदूपत्ता संग्राहको और बस्तर के युवाओं और महिलाओं के लिए खास है। इस पर कांग्रेस के नेता तंज करते हुए कह रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी घोषणा पत्र जारी करने से घबरा रही है क्योंकि उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं है। जनता का विश्वास उन पर से उठ चुका है। छत्तीसगढ़ की जनता भूपेश है तो भरोसा है की बात कह रही है। इस पर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता प्रमोद तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि मेरी राय है कि रॉकेट जब चले तो आप बाहर आ जाएं , क्योंकि इनका राकेट आजकल सही निशाने पर जा नहीं रहा है।
चर्चा तो ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को कांकेर की सभा में प्रथम चरण के चुनाव के मद्देनजर आदिवासियों, वनवासियों, तेंदूपत्ता संग्राहकों और नक्सलवाद को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं और उसी दिन शायद भाजपा अपना पहले चरण के चुनाव का घोषणा पत्र जारी कर दे। अब यह तो आने वाला वक्त ही बताया कि कांग्रेस की अब तक की घोषणा के जवाब में उनके पास कौन सा रॉकेट है ।