रायपुर। CG Assembly Election 2023 इस बार के चुनाव में क्या बीजेपी, भूपेश सरकार और कांग्रेस को तुष्टिकरण, धर्मांतरण और ध्रुवीकरण के जरिए घेरने का प्लान बनाया है। ये सवाल उठा है मौजूदा दौर में बीजेपी दिग्गजों के खुले मंच से दिए जा रहे बयानों से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अब असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा के मंच पर दिए जा रहे तीखे बयानों से तो कम से कम यही लगता है। हालांकि कांग्रेस ने बीजेपी की कवायद के असर को सिरे से खारिज किया है, दावा किया है कि भाजपा का ये पैंतरा यहां नहीं चलेगा। पर सवाल ये कि आग उगलते इन बयानों से, क्या इस शांत प्रदेश की फिजा में धरातल पर ध्रुवीकरण का कोई माहौल बन पाएगा ?
CG Assembly Election 2023 असम के CM हेमंत बिस्वा सरमा ने अपनी तासीर के मुताबिक कट्टर हिंदुत्व की लाइन को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस पर घुसपैठ और तुष्टिकरण पोषक होने का आरोप लगाया। हेमंत बिस्वा आज कवर्धा में बीजेपी प्रत्याशी विजय शर्मा के नामांकन रैली के मंच पर बोल रहे थे। उन्होंने असम का उदाहरण देते हुए कहा कि जब एक मुस्लिम शरणार्थी बनकर आया तो असम में बड़ा दिल दिखा कर उसे अपना लिया लेकिन आज 35% मुस्लिम आबादी असम की डेमोग्राफी चेंज कर चुकी है। इधर,कवर्धा में एक अकबर आया है कल 100 अकबर आएंगे, इन्हें वक्त रहते बाहर कर दें। इसके बाद सरमा ने लोरमी में कांग्रेस पर एक और वार किया। कहा कि ‘कांग्रेस ने बाबर को पाला और भूपेश ने अकबर को पाला’ इसी बयान के साथ सरमा ने बीजेपी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के धर्मांतरण, तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण वाली रणनीति को और मजबूत किया
हेमंत बिस्वा सरमा ने कवर्धा में मंच से अकबर का जिक्र छेड़ा। जिसे कवर्धा से कांग्रेस प्रत्य़ाशी और कद्दावर कैबिनेट मंत्री मो अकबर से सीधे जोड़कर देखा जाने लगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरमा के बयान पर कहा कि वो कल इसका जवाब देंगे, साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे पर फिर से अपने सिर मुंडवाने वाले बयान को दोहराया।
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जाहिर है इस पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया आनी थी, हुआ भी वैसा ही। दूसरी तरफ हेमंत बिस्वा सरमा ने कुछ ही घंटो बाद अपने बयानों पर सफाई में कहा कि वो मुगलकाल वाले अकबर की बात कह रहे थे ना कि कवर्धा से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद अकबर की। हालांकि, सरमा ने बीजेपी के धर्मांतरण, तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण के आरोपों वाली रणनीति को ही मजबूत किया है। इससे पहले 16 अक्टूबर को देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राजनांदगांव में रमन सिंह के नामांकन रैली में बिरनपुर हिंसा में मारे गए भुवनेश्वर साहू का जिक्र कर कांग्रेस को तुष्टिकरण के मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया था। अमित शाह और हेमंत बिस्वा सरमा के भाषणों ने भाजपा के इरादों को पूरी तरह साफ कर दिया है कि भाजपा 2023 में दुर्ग संभाग के मैदानी इलाकों में मुस्लिम तुष्टिकरण और सरगुजा-बस्तर में धर्मांतरण के मुद्दे से सत्तापक्ष के खिलाफ माहौल बनाना चाहती है। अहम बात ये कि धार्मिक ध्रुवीकरण का मुद्दा छत्तीसगढ़ में कभी चुनावी जीत-हार का आधार नहीं बना है। तो क्या भूपेश सरकार के छत्तीसगढ़ियावाद का जवाब बीजेपी हिंदुत्व, तुष्टीकरण और धर्मांतरण से देना चाहती है?