Former ISRO Chairman on Aditya L1 Mission: नई दिल्ली। चंद्रयान-3 के बाद आज ‘आदित्य एल1’ मिशन से सूर्य को नमन की तैयारी है। भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 आज श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से लॉन्च होने जा रहा है। यह पहला मौका है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सूर्य की स्टडी के लिए अपना मिशन भेज रहा है। चंद्रयान-3 की कामयाबी से इसरो के वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हैं। यही वजह है कि अब बिना देरी किए वो सूर्य मिशन को कामयाब बनाने में जुटे हैं।
सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर का बयान सामने आया है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि “यह मिशन बहुत महत्वपूर्ण है। आदित्य एल-1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के आसपास रखा जाएगा, जहां पृथ्वी और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल लगभग रद्द हो जाता है और न्यूनतम ईंधन के साथ, हम वहां अंतरिक्ष यान बनाए रख सकते हैं। इसके अलावा, 24/7 अवलोकन संभव है अंतरिक्ष यान में सात उपकरण लगाए गए हैं। इस मिशन के डेटा से वायुमंडल में होने वाली विभिन्न घटनाओं, जलवायु परिवर्तन अध्ययन आदि को समझाने में मदद मिलेगी। ”
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