New Year 2025 Weather Update: भोपाल। देशभर में इन दिनों मौसम का मिजाज बदला हुआ है। कहीं कड़ाके की ठंड के बीच बारिश तो कहीं बर्फीली हवाओं से लोगों का जीना दुभर हो रहा है। ऐसे में बात करें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तो यहां कड़ाके की ठंड के साथ नए साल का आगाज हुआ। बता दें कि, पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण प्रदेश में दो दिन तक बारिश हुई जिसके बाद शीतलहर शुरू हो गई। प्रदेश के कई जिलों में तापमान में भारी गिरावट आई है, जिसके चलते शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।
साल के पहले दिन मध्यप्रदेश की राजधानी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बारिश के बाद ठंड ने फिर कम बैक किया है। न्यूनतम तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। नए साल के पहले दिन घने कोहरे से राजधानी ढकी नजर आई। वहीं, विजिबिलिटी रेट 200 मीटर से भी कम दर्ज की गई। नीमच में न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भी तापमान में गिरावट आई है। मौसम विभाग ने शीतलहर का अलर्ट भी जारी किया है।
छत्तीसगढ़ में भी अब पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) का असर कम हो गया है, जिससे तापमान गिरने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। कल (गुरुवार) से अगले 3 दिनों तक कई जिलों में न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री तक गिर सकता है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी धीरे-धीरे खत्म हो रही और मौसम साफ होने में चार से पांच दिनों का वक्त लगेगा। मंगलवार को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही सबसे ठंडा रहा। यहां न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सरगुजा में रात का तापमान 8.2 डिग्री दर्ज किया गया। इधर, कोहरे की चादर से वाड्रफनगर ढंक गया, जिसके चलते वाहन चालकों की परेशानी बढ़ी। विजिबिलिटी5 मीटर से भी कम दर्ज की गई है। यहां रात का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री तक पहुंच गया है, जिससे लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चालकों की परेशानी बढ़ने लगी।
पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण इन राज्यों में ठंड बढ़ी है। इसके साथ ही बारिश के बाद शीतलहर शुरू हो गई है।
हां, प्रदेश के कई जिलों में तापमान में भारी गिरावट के कारण शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम में बदलाव हाल ही में पश्चिमी विक्षोभ और बारिश के कारण हुआ है, जिसके चलते नए साल की शुरुआत कड़ाके की ठंड के साथ हुई।
कई जिलों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि सटीक आंकड़े स्थान के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।
हां, बर्फीली हवाओं का असर केवल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के कई अन्य राज्यों पर भी पड़ रहा है।