रांचीः झारखण्ड के गिरिडीह ज़िले में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरुद्ध देशभर में जैन समाज में नाराज़गी है। इस बीच इस फैसले को लेकर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा वापसी की घोषणा की खबर भी आई। हालांकि इस खबर की अभी तक झारखण्ड सरकार ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
झारखण्ड के गिरिडीह ज़िले में स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरुद्ध देशभर में जैन समाज में नाराज़गी है। इस बीच इस फैसले को लेकर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा वापसी की घोषणा की खबर भी आई। हालांकि इस खबर की झारखण्ड सरकार ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इसलिए IBC24 झारखंड सरकार की ओर से घोषणा वापस लेने संबंधी चैनल पर प्रसारित अपनी खबर का खंडन करता है।
सम्मेद शिखर जी विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल है। यहां लाखों की संख्या में हर वर्ष श्रद्धालुओं का तांता लगता है। इस पवित्र क्षेत्र में जैन धर्म के अनुरूप हिंसा, नशा आदि वर्जित है। हाल ही में इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित करने से समाज में नाराज़गी है। समाज की आशंका है कि इससे यहां जैन धर्म के प्रतिकूल व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इससे इस स्थल की धर्म के अनुरूप पवित्रता प्रभावित हो सकती है। झारखण्ड सरकार ने इस संबंध में समाचार लिखे जाने तक कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। राज्य में विधानसभा सत्र चल रहा है। सम्भावना है सदन में भी यह मामला उठ सकता है। जैन समाज की भावनाओं को देखते हुए सरकार शीघ्र ही इस संबंध में आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक कर सकती है। देशभर में इसके विरोध में समाज की ओर से प्रदर्शन किए गए। बुधवार दिनभर दिल्ली, इंदौर, रायपुर, भोपाल समेत राजस्थान के विभिन्न शहरों में लोगों ने सोरेन सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किए। झारखण्ड सरकार ने अभी तक सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित न करने संबंधी आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। राज्य के जनसम्पर्क विभाग के किसी सोशल मीडिया हैंडल पर भी इस संबंध में पुष्टि नहीं है।