चिदंबरम ने मोदी पर किया पलटवार, गिनाए गैर गांधी परिवार वाले कांग्रेस अध्यक्षों के नाम, कहा- उनकी याददाश्त कमजोर | Chidambaram Attacked on Modi

चिदंबरम ने मोदी पर किया पलटवार, गिनाए गैर गांधी परिवार वाले कांग्रेस अध्यक्षों के नाम, कहा- उनकी याददाश्त कमजोर

चिदंबरम ने मोदी पर किया पलटवार, गिनाए गैर गांधी परिवार वाले कांग्रेस अध्यक्षों के नाम, कहा- उनकी याददाश्त कमजोर

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:59 PM IST
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Published Date: November 17, 2018 10:14 am IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के कांग्रेस को दिए चैलेंज पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने पलटवार किया है। पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स को पार्टी अध्यक्ष बना कर दिखाए। जवाब में चिदंबरम ने कहा कि उनकी(मोदी की) याददाश्त कमजोर है। चिदंबरम ने के गांधी परिवार से बाहर के 15 कांग्रेस अध्यक्षों के नाम गिनाते हुए कहा कि अब वे राफेल डील, बेरोजगारी और किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर जवाब दें।

बता दें कि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में मोदी ने कांग्रेस से कहा था कि वह नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के किसी योग्य कांग्रेसी को पांच साल के लिए पार्टी का अध्यक्ष बनाए। इसके बाद चिदंबरम ने लगातार ट्वीट कर अध्यक्षों के नाम गिनाए और कहा कि कांग्रेस को स्वतंत्रता के बाद बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, के. कामराज और मनमोहन सिंह जैसे सामान्य पृष्ठभूमि के नेताओं और आजादी से पहले कई अन्य हजारों नेताओं पर गर्व है।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी की याददाश्त सही करने के लिए- 1947 के बाद कांग्रेस अध्यक्षों में आचार्य कृपलानी, पट्टाभि सीतारमैया, पुरुषोत्तमदास टंडन, यू एन धेबर, संजीव रेड्डी, संजीवैया, कामराज, निजलिंगप्पा, सी सुब्रमण्यम, जगजीवन राम, शंकर दयाल शर्मा, डी के बरुआ, ब्रह्मानंद रेड्डी, पी वी नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी शामिल हैं’। 

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चिदंबरम ने कहा कि वे आभारी हैं कि प्रधानमंत्री इस बात को लेकर ‘चिंतित’ हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष किसे चुना गया और उनके पास इस बारे में बात करने के लिए काफी वक्त है। उन्होंने आगे कहा, ‘क्या वह नोटबंदी, जीएसटी, राफेल और आरबीआई के बारे में बात करने में इसका आधा समय भी देंगे’। उन्होंने पूछा कि ‘क्या प्रधानमंत्री मोदी किसानों की आत्महत्याओं, बड़े पैमाने पर बेरोजगारी, मॉब लिंचिंग, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार, गो रक्षक और बढ़ते आतंकवादी हमलों पर भी बोलेंगे?’