What Is Karni Sena: हाल ही में राजस्थान के जयपुर में हुई करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह की हत्या ने पूरे देश में बवाल मचा दिया है। इस मर्डर के बाद देशभर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को उन्ही के घर में घुसकर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके बाद आरोपियों की पहचान हो चुकी है। जिसके बाद आक्रोशित करणी सेनी के लोगों के कहने पर आज राजस्थान बंद का आवहान किया है। इस दौरान की कई लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर करणी सेना है क्या? तो चलिए आपको बताते है कि करणी सेना क्या है।
What Is Karni Sena: ये एक गैर-राजनैतिक संगठन है, जिसकी नींव साल 2006 में खुद को रानी पद्मिनी की 37वीं पीढ़ी के बताते लोकेंद्र सिंह कालवी ने रखी थी। छह फुट से भी ऊंचे कालवी के कहने पर पूरा राजपूत समाज जमा हो जाता। जल्द ही उन्हें ये अहसास हुआ कि राजपूताना भावनाओं को मंच का रूप देना है तो एक संगठन बनाना होगा। इस तरह करणी सेना तैयार हुई, जिसका नाम करणी माता के नाम पर पड़ा। फिलहाल कालवी तो नहीं हैं, लेकिन करणी सेना राजपूताना संगठन के तौर पर पूरे राजस्थान में फैल चुकी है। इसका दावा है कि ये राजपूताना गौरव को बनाए रखने का काम कर रही है।
What Is Karni Sena: राजस्थान में राजपूतों की अच्छी-खासी आबादी है। करणी सेना अकेला बड़ा संगठन है जो राजपूतों को बांधे रखता है। खासकर राजपूत-बहुल्य इलाकों में इसकी काफी पैठ है। ऐसे में राजपूत वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियां करणी सेना को खूब तवज्जो देती आ रही है।
What Is Karni Sena: राजपूत-बहुल इलाकों, जैसे जयपुर के झोटवाड़ा, खातीपुरा, वैशाली और मुरलीपुरा में करणी सेना के काफी लोग हैं। धीरे-धीरे ये कुनबा बढ़ता ही जा रहा है। अब बिहार, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि बिहार से सटे नेपाल के हिस्से में भी करणी सेना की मौजूदगी है।
What Is Karni Sena: लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही गुट में खेमेबाजी भी होने लगी। सबका मकसद एक था, राजपूतों की शान बनाए रखना, लेकिन तरीके और अंदाज अलग-अलग था। कोई पद्मावत और जोधा-अकबर जैसी फिल्मों में राजपूत मर्यादा को दिखाने पर हमलावर था, तो किसी का कहना था कि हमें इसपर नहीं, बल्कि असल मुद्दों पर काम करना चाहिए। EWS आरक्षण बढ़ाने जैसे मामले पर भी विवाद था।
What Is Karni Sena: अंदरुनी कलह बढ़ने पर संगठन को 3 हिस्सों में बांट दिया गया। राजपूत करणी सेवा समिति, राजपूत करणी सेना और राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना- ये तीन हिस्से हो गए। तीनों ही गुट अपने तरीकों से एक ही काम पर फोकस करने लगे। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह हैं, जबकि राजपूत करणी सेना को मार्च 2023 तक लोकेंद्र सिंह कालवी लीड कर रहे थे। कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत के बाद फिलहाल अध्यक्ष के नाम पर जानकारी सार्वजनिक नहीं हो सकी है। गोगामेड़ी श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष थे। ये संगठन राजपूताना अस्मिता के साथ-साथ हिंदुत्व पर भी बात करता है। ऐसे में इसकी लोकप्रियता बाकियों से कुछ ज्यादा मानी जाती है।
ये भी पढ़ें- Nursing Officer Bharti 2023: अगर आपकी उम्र भी है 21 से 42 के बीच तो न छोड़े ये सुनहरा मौका, ऐसे करें आवेदन
ये भी पढ़ें- Realme Phone Under 15000: नया मोबाइल लेने का सुनहरा अवसर, 13 हजार रुपए से भी कम में खरीदें रीयलमी का ये धांसू फोन