How to hack EVM: 3 दिसंबर को 5 राज्यों मतगणना होना है। जिसके बाद पांचों राज्यों को अपनी नई सरकार मिल जाएगी। फिलहाल सभी उम्मीदवारों की किस्मत ईबीएम में कैद है। आपको बता दें भारत में ईबीएम मशीन के जरिए वोटिंग होती है। लेकिन इससे पहले आपने सुना होगा कि पार्टियों के नेताओं को ईबीएम हैक होने का खतरा रहता है। लोग एक दूसरी पार्टी पर ईबीएम हैक होने के आरोप लगाते है। तो आज हम आपको बताते है कि ईबीएम कैसे काम करती है।
How to hack EVM: आपको बता दें भारतीय चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए पहली बार 1982 में EVM का इस्तेमाल किया था। अब बैलेट पेपर की जगह EVM का ही इस्तेमाल किया जाता है। EVM का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है। यह चुनावी प्रक्रिया को तेज और साफ-सुथरा बनाए रखने में मदद करती है।
How to hack EVM: EVM का इस्तेमाल वोटिंग के लिए किया जाता है। इससे ना केवल वोटिंग होती है, बल्कि वोट भी स्टोर होते रहते हैं। काउंटिंग वाले दिन चुनाव आयोगा EVM मशीन में पड़े वोटों की गिनती करता है। जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं उस कैंडिडेट को विजेता घोषित किया जाता है। EVM में दो यूनिट होती हैं। कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट। ये दोनों यूनिट एक पांच मीटर के केबल से जुड़ी होती हैं। इसमें कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर (RO) के पास होती है तो बैलेटिंग यूनिट वोटिंग कंपार्टमेंट में रखी होती है। इसी जगह पर आकर लोग वोट डालते हैं।
How to hack EVM: पीठासीन अधिकारी वोटर की आइडेंटिटी को वेरिफाई करता है, और फिर कंट्रोल यूनिट का बैलट बटन दबाता है। इसके बाद वोटर बैलेटिंग यूनिट पर मौजूद कैंडिटेट और उसके चुनाव चिन्ह के सामने वाला नीला बटन दबाकर वोट कर सकता है।
How to hack EVM: अब तो EVM के साथ वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) भी आने लगा है। इसमें से एक पर्ची निकलती है जिसमें जिस कैंडिडेट को वोट डाला गया है उसकी तस्वीर और चुनाव चिन्ह दिखता है। इससे आपको पता चल जाता है कि वोट सही जगह डली है।
How to hack EVM: चुनाव आयोग के मुताबिक, EVM मशीन कंप्यूटर से कंट्रोल नहीं होती हैं। ये स्टैंड अलोन मशीन होती हैं जो इंटरनेट या किसी दूसरे नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होती हैं। इसलिए ये हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित हैं। इसके अलावा ईवीएम में डेटा के लिए फ्रीक्वेंसी रिसीवर या डिकोडर नहीं होता है।
How to hack EVM: इसलिए किसी भी वायरलेस डिवाइस, वाई-फाई या ब्लूटूथ डिवाइस से इसमें छेड़छाड़ करना संभव नहीं है। वोटिंग के बाद EVM को चुनाव आयोग कड़ी सुरक्षा के बीच रखता है। इन्हे सीलबंद कर दिया जाता है और गिनती के दिन ही खोला जाता है। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी EVM को चुनावों के लिए विश्वसनीय माना है।
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