Expensive Mango: वैसे तो आम को फलों का राजा कहते है, लेकिन ये ऐसे ही नहीं कहा जाता। आम की बेहतरीन गुणवत्ता, नायाब किस्में और लाजवाब स्वाद ही इसे दूसरे फलों से अलग बनाती है। भारत में दशहरी, लंगड़ा, चौंसा और अलफॉन्सो आदि आमों की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है, लेकिन जापानी मूल का मियाजाकी अपने स्वाद के कारण ही नहीं, बल्कि सबसे महंगा होने के कारण दुनियाभर में मशहूर हो रहा है। 〈 >>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<< 〉
जापान के मियाजाकी शहर की उपज होने के कारण इसे मियाजाकी आम कहा जाता हैं। जापानी आम मियाजाकी को सबसे पहले 80 से 90 के दशक के बीच मियाजाकी शहर में ही उगाया गया है, लेकिन समय और इसकी बढ़ती मांग के साथ थाईलैंड, फिलीपींस और भारत के किसान भी इसकी खेती में दिलचस्पी ले रहे हैं।बता दें ये दुनिया का सबसे मंहगा आम है, जिसकी बनावट अनोखी और रंग गहरा लाल या जामुनी होती है। इस आम का साइज किसी डायनासोर के अंडे के बराबर होता है। इसका वैज्ञानिक नाम ताइयो-नो-टोमागो है, जिसे एग्स ऑफ सनशाइन भी कहते हैं।
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मियाजाकी आम की खेती के लिये अच्छी बारिश के साथ-साथ तेज धूप और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसकी फलत अप्रैल से अगस्त के महीने में होती है। मियाजाकी आम में एंटी ऑक्सीडेंट्स के साथ ही बीटा-कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे खास गुण उपस्थित होते हैं। इसमें सिर्फ 15% शुगर होता है, जिस कारण मियाजाकी आम डायबिटीज और कैंसर के मरीजों के शौक भी पूरे कर सकते हैं।
मियाजाकी किस्म के आम का वजन करीब 350 ग्राम होता है, जिसे बाजार में 21,000 रुपये प्रति फल के हिसाब से बेचा जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मियाजाकी आम की कीमत लगभग 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो दर्ज की गई है। अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े-बड़े देशों में मियाजाकी आम के शौकीन मिल जायेंगे, लेकिन महंगा होने के कारण भारत में इसका बाजार नहीं बन पाया है। बता दें कि भारत में उगने के बावजूद भी मियाजाकी आम विदेशों में निर्यात किया जाता है। बता दें कि निर्यात से पहले मियाजाकी आम का अच्छे से क्वालिटी चैक, जांच और परीक्षण किया जाता है। इसके बाद ही इसे निर्यात के लिये हरी झंडी मिलती है।