ओडिशा के बरगढ़ में 11 दिनों तक रहता है ‘कंस महाराज’ का शासन, मंत्री से लेकर डीएम तक करते हैं आदेश का पालन

rule of 'Kans Maharaj' in Odisha's Bargarh: जनता ही नहीं मंत्री, संतरी, डीएम और पुलिस कप्तान तक उनके आदेश का पालन करते हैं। कंस महाराज सड़कों पर घूम कर व्यवस्था का जायजा लेते हैं।

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  • Publish Date - January 6, 2023 / 05:57 PM IST,
    Updated On - January 6, 2023 / 06:02 PM IST

rule of ‘Kans Maharaj’ in Odisha’s Bargarh: भुवनेश्वर। ओडिशा का एक गांव ऐसा है जहां हर साल 11 दिनों तक कंस महाराज जनता पर हुकूमत करते हैं। जनता ही नहीं मंत्री, संतरी, डीएम और पुलिस कप्तान तक उनके आदेश का पालन करते हैं। कंस महाराज सड़कों पर घूम कर व्यवस्था का जायजा लेते हैं। बढि़या काम के लिए अफसरों को पुरस्कृत व दंडित भी करते हैं। एक मर्तबा आधुनिक ओडिशा के निर्माता पूर्व मुख्यमंत्री स्व. बीजू पटनायक को भी कंस महाराज सजा सुना चुके हैं।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 320 किलोमीटर दूर बरगढ़ जिले में 1948 से यहां पर धनु यात्रा आयोजित होती चली आ रही है। यह यात्रा विश्वस्तर पर पहचान बना चुकी है। बरगढ़ जिले को गिनिज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकार्ड में सबसे बड़े रंगमंच (ओपेन) की मान्यता मिली हुई है, क्योंकि धनुयात्रा के दौरान पूरा शहर ही रंगमंच में तब्दील हो जाता है।

प्रसिद्ध धनुयात्रा मंगलवार 29 दिसंबर को बहुत धूमधाम से शुरू हुई

दुनिया के सबसे बड़े ओपन-एयर थिएटर माने जाने वाले बरगढ़ की प्रसिद्ध धनुयात्रा मंगलवार 29 दिसंबर को बहुत धूमधाम से शुरू हुई थी। जो कि आज 6 जनवरी को धूमधाम के साथ समाप्त हो गई है। शुभारंभ के दिन दोपहर 3 बजे उत्सव शुरू हुआ और हाटपाड़ा में राजा कंस के राज दरबार में कलाकारों के 22 समूहों को शामिल करते हुए एक विशाल जुलूस निकाला गया।

उद्घाटन समारोह से पहले, 9 दिसंबर को एक दुर्घटना में मारे गए बाल कलाकार श्रेयस पुजारी के लिए प्रार्थना करने के लिए एक मिनट का मौन रखा गया था। श्रेयस को बलराम की भूमिका निभाने के लिए चुना गया था। महोत्सव के दौरान बरगढ़ कस्बा मंच में तब्दील हो जाएगा। राक्षस राजा कंस के शासन में शहर मथुरा बन जाएगा, जबकि भगवान कृष्ण की ‘बाल्य लीला’ जीरा नदी के दूसरी तरफ अंबापाली में होगी, जो गोपापुर में बदल जाती है।

rule of ‘Kans Maharaj’ in Odisha’s Bargarh

उत्सव के दौरान 3,000 से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति

मथुरा और गोपापुरा में 100 से अधिक कलाकार विभिन्न भूमिकाएं निभाएंगे। इसके अलावा, 120 सांस्कृतिक मंडलों के 3,000 से अधिक कलाकार उत्सव के दौरान राज दरबार और रंगा महल में प्रस्तुति देंगे। बारगढ़ के सांसद सुरेश पुजारी, विधायक देवेश आचार्य, कलेक्टर मोनिशा बनर्जी, एसपी स्मित पी परमार सहित आयोजन समिति के सदस्य मौजूद रहे।

इस दिन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ट्विटर पर त्योहार की शुभकामनाएं दीं।

इस वर्ष धनुयात्रा उत्सव की प्लेटिनम जयंती है। 11 दिन तक चलने वाले इस आयोजन का समापन आज 6 जनवरी, 2023 को हो गया। धनुयात्रा पिछली बार 31 दिसंबर 2019 से 10 जनवरी 2020 तक आयोजित की गई थी। कोविड-19 के प्रकोप के कारण लगातार दो वर्षों तक उत्सव का आयोजन नहीं किया जा सका था। इस वर्ष धनुयात्रा आयोजित करने का निर्णय अगस्त में हुई आम सभा की बैठक में लिया गया था। नवंबर में धनुयात्रा के 11 अलग-अलग किरदारों के लिए ऑडिशन हुए थे।

राक्षस राजा कंस की भूमिका निभाने वाले पचास वर्षीय कलाकार हृषिकेश भोई

2009-2017 तक नौ साल तक राक्षस राजा कंस की भूमिका निभाने वाले पचास वर्षीय कलाकार हृषिकेश भोई को इस साल एक बार फिर इस किरदार को निभाने के लिए चुना गया था। 25 दिसंबर को प्रचार समिति द्वारा धनुयात्रा पर आधारित रंगोली महोत्सव का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में 300 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया और बरगढ़ कस्बे के महिला कॉलेज के सामने सड़क पर रंगोली बनाई। इसी तरह, सोमवार को, रेत कलाकार सुदाम प्रधान ने उत्सव की प्लैटिनम जयंती मनाने के लिए पुरी के बलियापंडा समुद्र तट पर 30×8 फीट की मूर्ति बनाई।

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