पूर्णिया। हिंदू संस्कारों में एक संस्कार विवाह होता है। एक उम्र के बाद विवाह संस्कार से बंधकर लोगों को जीवन यापन करना होता है। लेकिन आज के समय में एक गांव की स्थिति ऐसी हो गई है कि कोई भी अन्य गांव का व्यक्ति इस गांव अपनी बेटी का विवाह करने के लिए सहमत नहीं है। उनका एक ही कारण है गांव की स्थिति बदहाल।
दरअसल, बिहार के पूर्णिया जिला के इस गांव में पहुंचने के लिए लोगों को एक नदी को पार करनी पड़ती है और यह नदी काफी गहरी और चौड़ी भी है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है बस दोनों तरफ आधी सड़क बनकर रह गई है। यहां के स्थानीय लोग ड्रम वाली जुगाड़ के सहारे रस्सी को पकड़कर आना-जाना करते हैं। हालांकि कई वृद्ध लोग बीमार पड़ते हैं तो इलाज के इंतजार में उसकी सांस टूट जाती है।
बता दें कि इस गांव में बारिश के समय ऐसी स्थिति हो जाती है कि पूरा गांव पानी से भर जाता है। गांव वाले बाहर से पानी में भागकर आए ड्रम वाली जुगाड़ नाव के सहारे दोनों छोर पर रस्सी लगाकर पार करते हैं। हालांकि इस नदी को पार करना जान जोखिम से कम नहीं है। जान की दाव लगाकर गांव वाले आवाजाही करते हैं। साथ ही साथ एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए लोगों को तेज आवाज भी लगानी पड़ती है ताकि गांव का कोई व्यक्ति उसे नाव को दूसरे किनारे लेकर जा सके और उस पर सवार लोगों पर अपनी नजरें बनाए रखें।
दरअसल यह कहानी पूर्णिया जिला के डगरुआ प्रखंड के चापी पंचायत का संभंगा गांव वार्ड नंबर 15 की है। यहां के स्थानीय ग्रामीणों की जीवन शैली और परेशानी देखकर आपका दिल पसीज जायेगा। यहां के गांव वालों की जुबानी खुद आप सुन सकते हैं। हालांकि इस गांव में कई तरह के समस्याएं अब भी बरकरार है। जिस पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता।
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि यहां लगभग हजारों लोगों की आबादी को गांव से शहर तक जाने के लिए सोचना पड़ता है। क्योंकि गांव और शहर के बीच में नदी है। हालांकि इससे बच्चों को शिक्षा, युवाओं को काम और बीमार लोगों को अस्पताल और किसानों को अपना खेत इन सभी समस्याओं से लोगों को गुजरना पड़ता है। हालांकि लोगों ने बताया कि यह नदी सालों भर पानी से भरा रहता है। इसका कारण लोगों को अपने जान को जोखिम में डालकर इस जुगाड़ नाव के जरिए रस्सी बांधकर आर- पार करनी पड़ती है।