Sister Become Groom For Brother's Marriage

भाई के लिए बहन बनी दूल्हा, लेकर गई बारात, रीति रिवाज से सात फेरे लेकर विदा कर लाई भाभी

भाई के लिए बहन बनी दूल्हा, लेकर गई बारात, रीति रिवाज से सात फेरे लेकर विदा कर लाई भाभी! Sister Become Groom For Brother's Marriage

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : April 29, 2022/9:54 pm IST

उदेपुर: Sister Become Groom For Brother गुजरात के उदेपुर जिले से शादी का अनोखा मामला सामने आया है, जहां बहन भाई के लिए बहन दूल्हा बन गई। हैरानी की बात ये है कि बहन की बतौर दूल्हा लड़की वालों के घर बारात लेकर पहुंची और रस्मों रिवाज के साथ शादी करके भाभी को विदा करके ले आई। ये मामला सामने आने के बाद हर कोई हैरान है।

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Sister Become Groom For Brother मिली जानकारी के अनुसार जिले के तीन गांवों में दूल्हे की बहन दूल्हा बनकर विवाह करने जाती है। बारात ही नहीं ले जाती बल्कि दुल्हन संग मंडप में मंगल फेरे भी बतौर दूल्हा बहन ही लेती है। रस्मों को निभाते हुए यह जोड़ा दूल्हे के गांव लौटता है। अंबाला गांव के हरिसिंग रायसिंग राठवा के बेटे नरेश का विवाह फेरकुवा गांव के वजलिया हिंमता राठवा की बेटी लीला से हुआ। इस परंपरा का अन्य आदिवासी समाज के लोग भी सम्मान करते हैं। इसलिए अंबाला से बारात दूल्हे नरेश की बहन असली ले गई।

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अंबाला, सूरखेडा और सनाडा गांव के आराध्य देव भरमादेव और खूनपावा हैं। ये आदिवासी समाज के आराध्य देव भी हैं। ऐसी मान्यता है कि भरमादेव कुंवारे देव हैं। इसलिए अंबाला, सूरखेडा और सनाडा गांव का कोई लड़का बारात लेकर जाएगा, तो उसे देव का कोपभाजक बनना होता है।

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कोप से बचने और गांव-ग्रामीणों को बचाने के लिए दूल्हे की बहन ही बारात लेकर जाती है और मंगल फेरे लेती है। अंबाला गांव के बेसण राठवा ने बताया कि सदियों से यह परंपरा चली आ रही है। कुछ साल पहले आधुनिकता को अपनाते हुए तीन युवकों ने परंपरा में बदलाव का प्रयास किया। दुर्भाग्यवश तीनों युवक किन्हीं कारणों से चल बसे। इसलिए परंपराओं के अधीन ही विवाह हमारे गांव-समाज में होते हैं। यह परंपरा खांडु विवाह से मिलती-जुलती है।

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