महराजगंज: Sister Becomes Brother’s Wife अधुनिकता के इस दौर में रिश्तों की मर्यादा तेजी से खत्म होते जा रही है। लोग अपने फायदे और सुविधाओं के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। इसका उदाहरण हाल-फिलहाल में कई बार देखने को मिला है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों सामने आया है, जहां भाई-बहन ने शादी कर ली। हैरानी की बात तो ये है कि दोनों की शादी में खुद प्रशासन ने मदद की है। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा माजरा?
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Sister Becomes Brother’s Wife दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के महराजगंज का है, जहां बीते दिनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था। प्रशासन की ओर से 38 जोड़ों की शादी का लक्ष्य रखा गया था। इस लक्ष्य को पाने के लिए प्रशासन के अधिकारियों ने गरीब परिवार की सूची तो बनाई, लेकिन हितग्राही नहीं मिलने पर बिचौलियों की भी मदद ली गई। लेकिन बिचौलिए के चलते ऐसा कांड हो गया कि अब पूरा प्रशासन हिल गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सामूहिक विवाह में शादी के लिए लक्ष्मीपुर क्षेत्र के एक गांव की युवती ने पंजीकरण कराया था। अब शादी का दिन आ गया और पूरी तैयारी भी हो चुकी थी। लेकिन ऐन वक्त पर दूल्हा ही गायब हो गया। अंतत: प्रशासन ने युवती की शादी उसके भाई से ही करा दी, जबकि युवती की शादी साल भर पहले पास ही के गांव में हो चुकी थी। हैरानी की बात तो ये है कि युवती के परिवार वाले भी दोनों की शादी के लिए रजामंद थे।
बताया गया कि सामूहिक विवाह में शासन की ओर से 35 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जाती है। अनुदान राशि में बिचौलियों का कमीशन फिक्स होता है, जिसके चलजे वो दुल्हन और दूल्हे का इंतजाम कर प्रशासन की मदद करते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ जब दूल्हा नहीं आया तो बिचौलिए ने उसके भाई से ही सात फेरे करवा दिए।
फिलहाल मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि मामले की जानकारी होने पर तुरंत ब्लॉक के बीडीओ ने अधिकारियों-कर्मचारियों को दौड़ाया और शादी में दिया गया गृहस्थी का सारा सामान वापस मंगवा लिया। अनुदान के रूप में दी जाने वाली 35 हजार रुपए की धनराशि के भुगतान पर रोक लगाने की संस्तुति की है।