चंडीगढ़: procession to prove himself alive हरियाणा के रोहतक जिले में प्रदेश सरकार द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद 102 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाते हुए अपनी बारात निकाली। बुजुर्ग व्यक्ति दुली चंद बाकायदा रथ में सवार हुए और बैंड बाजे के साथ सरकारी अधिकारियों के समक्ष पहुंचे।
procession to prove himself alive रोहतक जिले के गांधरा गांव निवासी दुली चंद को कागजों में मृत घोषित करके उनकी पेंशन इस साल मार्च में बंद कर दी गई थी। इसके बाद बुजुर्ग व्यक्ति ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए एक विचित्र तरीका अपनाया। उन्होंने एक दूल्हे की तरह नोटों की माला पहनी और रोहतक शहर में मानसरोवर पार्क से नहर विश्राम गृह तक अपनी बारात निकाली और राज्य सरकार से उनकी पेंशन फिर से शुरू किये जाने की मांग की।
आम आदमी पार्टी (आप) की हरियाणा इकाई के पूर्व प्रमुख नवीन जयहिंद ने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड में दुली चंद को ‘‘मृत’’ दिखाया गया था और उनकी वृद्धावस्था पेंशन रोक दी गई थी। दुली चंद के साथ आए जयहिंद ने कहा कि 102 वर्षीय व्यक्ति जीवित हैं और इसे साबित करने के लिए उनके पास आधार कार्ड, पारिवारिक आईडी और बैंक स्टेटमेंट हैं।
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दुली चंद और उनके समर्थकों ने सरकारी कार्यालय के रास्ते में तख्तियां भी ले रखी थीं, उनमें से एक में लिखा था ‘थारा फूफा अभी जिंदा है’(102 साल)। अपनी इस शानदार यात्रा के अंत में, दुली चंद और जयहिंद, पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता मनीष ग्रोवर से मिले और उन्हें अपने कागजात दिखाते हुए उनकी पेंशन की बहाली की मांग की।
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