Man Killed 42 Young Girls : नई दिल्ली। वर्तमान में भले ही विज्ञान के दम पर चांद तक पहुंच गया है। इस बीच आज भी ऐसे लोग हैं जिनकी सोच एकदम संकुचित है। आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो जल्दी कामयाब होने के किसी भी हद तक चले जाते हैं। अपने फायदे के लिए लोग अंधविश्वास तक उतर जाते हैं और किसी को भी मौत के घाट उतराने से पीछे नहीं हटते हैं। ऐसे कई सीरियल किलर हैं जिनकी कहानियां किस्से लोगों को हैरान कर देती हैं। हैवानियत की एक ऐसे ही दर्दनाक कहानी सामने आई है। जहां एक शख्स ने बहकावे में आकर 42 महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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एक अंग्रेजी साइट पर छपी एक खबर के अनुसार ये दिल दहला देने वाला मामला इंडोनेशिया का है। जहां एक सीरियल किलर ने हत्याओं की सारी सीमाओं को पार कर दिया। यहां एक सीरियल किलर ने अहमद सुदरजी शख्स के बहकावे में आकर 42 जवान लड़कियों को हत्या का दी। इस शख्स ने अन्धविश्वास में आकर 42 लड़कियों को मौत के घाट उतार दिया जिनमें से 11 नाबालिग थी। इन हत्याओं के लिए जब 14 साल पहले यानी 2008 में इसे फांसी की सजा मिली तो उसने अपना गुनाह कबूल किया।
रिपोर्ट के अनुसार सुरदजी जी ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को बताया कि ‘एक दिन उसके पिता की आत्मा उसके सपने में आई थी और वहां उससे कहा कि अगर वह 70 महिलाओं के लार को पिएगा तो वह एक अच्छा तांत्रिक बन सकता है। पिता के आत्मा की बात सुनकर सुरदजी बस इसी काम में लग गया लेकिन उसे लगा कि अगर वह ऐसे ही महिला की लार को पिएगा तो उसे बड़ा तांत्रिक बनने में काफी समय लगेगा। ऐसे में जल्दी के चक्कर में वह महिलाओं की हत्या कर उनकी लार पीने लगा।
इसके बाद पूछताछ के दौरान आगे उसने बताया कि अक्सर महिलाएं मेरे पास आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए आती थीं और उन्हें उम्मीद थी कि मैं उनके बेहतर जीवन के लिए यज्ञ का अनुष्ठान करूंगा। इसके बाद उन्हें गन्ने के खेत में ले जाकर उनको कमर तक दफना देता था और उनके सवाल करने पर कहता है था कि यह अनुष्ठान का हिस्सा है इसलिए वह घबराएं नहीं, महिलाएं जब स्थिर हो जाती थी तो वह उनका गला घोंटकर मौत के घाट उतार देता था और फिर उनके लार को पी जाता था।
इस अंग्रेजी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार सुदरजी के इस ये खेल की पोल साल 1997 में खुल गई, जब 21 साल की महिला की लाश खेत में संदिग्ध अवस्था में पड़ी मिली। जांच की तो पता चला कि तीन दिन पहले वह उस लड़की को सुदरजी के पास छोड़कर गया था। शुरुआत में जब पुलिस ने जब पूछताछ की तो सुरदजी ने सहयोग नहीं किया लेकिन जब अफसरों से ने थोड़ी सख्ती बढ़ती तो वह तोते की तरह सारी बातों को कबूल कर लिया।