कोपेनहैगन। यूरोपीय देश डेनमार्क में तेजी से बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं के बीच सेक्स को लेकर एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है। आईकंसेंट ऐप के जरिए अब डेनमार्क के लोग सेक्स के लिए अपनी सहमति दे पाएंगे। अब इस ऐप के जरिए सरकार यूजर्स के सेक्स को लेकर सहमति की जांच करेगी।
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इस यौन सहमति ऐप के जरिए यूजर केवल एक बटन दबाकर सेक्स के लिए अपनी सहमति दे सकता है। यह 24 घंटे के लिए वैध रहेगा। यूजर चाहे तो इसे कभी भी वापस ले सकता है। इस ऐप को लेकर डेनमार्क के लोगों ने कई प्रतिक्रियाएं दी हैं। वहां की एक मीडिया संस्थान ने तो इस ऐप को कोरोना प्रेस कांफ्रेंस जैसा उबाऊ बता दिया है।
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इस ऐप के डेवलपर्स का दावा है कि इसके उपयोग से यूजर अपने फोन के जरिए सेक्स की अनुमति भेज सकता और पा सकता है। यह उनके लिए एक सहमति का दस्तावेज हो सकता है। यूजर्स अपने सहमति को ऐप के जरिए स्टोर कर कानूनी उपयोग भी कर सकते हैं। इस ऐप के जरिए यौन स्वास्थ्य सलाह और यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगों को सहायता समूहों के लिंक भी प्रदान करता है।
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इस ऐप के एन्क्रिप्टेड डेटा को किसी अपराध में पूछताछ के नजरिए से रिकॉर्ड भी किया जा रहा है। हालांकि, डेनमार्क के कानूनी विशेषज्ञों ने संदेह जताया है कि शायद ही कभी अदालतों में इस ऐप के डेटा का इस्तेमाल हो सके। डेनमार्क के न्याय मंत्री निक हैकेरुप ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो जाएगा कि यदि दोनों पक्ष सेक्स के लिए सहमति नहीं देते हैं, तो यह बलात्कार है।
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दरअसल, डेनमार्क की संसद ने दिसंबर में एक नया कानून पारित किया जिसमें स्पष्ट सहमति के बिना किसी भी सेक्स को बलात्कार बताया गया था। पहले यहां के अभियोजकों को यह साबित करना पड़ता था कि बलात्कारी ने हिंसा का इस्तेमाल किया था या किसी ऐसे व्यक्ति पर हमला किया था जो विरोध करने में असमर्थ था। ऐसे में सबूतों की कमी हमेशा आड़े आती थी।