Halloween Festival facts: इन दिनो हैलोवीन काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरे देशों में मनाया जाने वाला हैलोवीन के चर्चे अब इंडिया में भी होने लगे है। लेकिन कई लोगों के मन में हैलोवीन को लेकर कई सवाल मन में पैदा होते है। उन्हीं सारे सवालों के आज हम आपको जबाव देंगे। इस फेस्टिवल को लेकर लोगों में बढ़ती काफी उत्सुकता है। तो आइए जानते हैं आखिर क्या है हैलोवीन फेस्टिवल, लोग क्यों पहनते हैं इस दिन डरावने कपड़े और क्या है इसका कद्दू से कनेक्शन।
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Halloween 2022: हैलोवीन की सबसे पहले शुरुआत आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी। ईसाई समुदाय के लोगों में हैलोवीन डे को लेकर मान्यता है कि भूतों का गेटअप रखने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है। अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों के कई राज्यों में इसे नए साल की शुरुआत के तौर पर भी मनाया जाता है। ईसाई समुदाय में 31 अक्टूबर को सेल्टिक कैंलेंडर का आखिरी दिन माना जाता है। जिसे हैलोवीन फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है।
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what is Halloween: हैलोवीन दिवस को ऑल हेलोस इवनिंग, ऑल हैलोवीन, ऑल होलोस ईव और ऑल सैंट्स ईव भी कहा जाता है। इस फेस्टिवल पर लोग एक-दूसरे के घर जाकर कैंडी गिफ्ट करते हैं और खोखले कद्दू में आंख, नाक और मुंह बनाकर उसके अंदर मोमबत्ती रख देते हैं।
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Why are scary clothes worn on Halloween Day?: हैलोवीन डे मनाने के लिए लोग डरावने कपड़े और डरावना मास्क-मेकअप लगाते हैं। दरअसल, इसके पीछे किसानों की मान्यता थी कि बुरी आत्माएं खेती के समय धरती पर आकर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। यही वजह थी कि लोग इस फेस्टिवल को मनाने के लिए डरावने कपड़े पहनने लगे। हालांकि, इसे लेकर भी लोगों के पास अलग-अलग कहानियां और मान्यताएं हैं।
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Halloween Pumpkin Connection: हैलोवीन फेस्टिवल को मनाने के लिए कई लोग कद्दू को खोखला करके उसमें डरावने चेहरे बनाकर उसके भीतर जलती हुई मोमबत्ती रख देते थे। ताकि कद्दू अंधेरे में डरावने दिखें। इन कद्दूओं को ही हैलोवीन कहा जाता था। कई देशों में तो ऐसे हैलोवीन को घर के बाहर अंधेरे में पेड़ों पर लटकाया जाता है जो पूर्वजों का प्रतीक माने जाते हैं। मान्यता है कि हैलोवीन फेस्टिवल खत्म होने के बाद इन कद्दूओं को दफना दिया जाता है।
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The Secret Behind Lighting Lanterns on Halloween: हैलोवीन पर लालटेन जलाने के पीछे पश्चिमी देशों में एक लोककथा काफी प्रचलित है, जिसके अनुसार, यह लालटेन पूर्वजों की आत्माओं को रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से उनकी रक्षा करने का भी प्रतीक मानी जाती है। इसके अलावा इसके पीछे कंजूस जैक और शैतान आयरिश की भी कहानी काफी प्रचलित है। जिसके अनुसार, एक समय में कंजूस जैक और शैतान आयरिश 2 दोस्त हुआ करते थे। कंजूस जैक शराबी था। एक बार उसने आयरिश को अपने घर बुलाया, लेकिन उसने आयरिश को शराब पिलाने से मना कर दिया। हालांकि उसने अपने दोस्त को शराब के बदले घर में लगा हुआ कद्दू खरीदने के लिए मना लिया लेकिन बाद में उसने इस बाद से भी इनकार कर दिया। जिसके बाद गुस्साए आयरिश दोस्त ने पंपकिन की डरावनी लालटेन बनाकर उसे अपने घर के बाहर एक पेड़ पर टांग कर पंपकिन के मुहं पर नक्काशी कर दी और उसमें जलते हुए कोयले डाल दिए। इसके बाद बाकी लोगों ने भी सबक के तौर पर जैक-ओ-लालटेन का चलन शुरू कर दिया।