China artificial sun: चीन के ‘आर्टिफिशियल सन’ ने बनाया नया रिकॉर्ड! ऊर्जा के क्षेत्र में हासिल की महत्वपूर्ण सफलता

China's 'artificial sun' : न्यूक्लियर फ्यूजन से ऊर्जा उत्पादन का सपना वैज्ञानिकों ने लंबे समय से देखा है, लेकिन इस प्रक्रिया को 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस से ऊपर की तापमान पर स्थिर बनाए रखना अब तक एक बड़ी चुनौती रही है।

China artificial sun: चीन के ‘आर्टिफिशियल सन’ ने बनाया नया रिकॉर्ड! ऊर्जा के क्षेत्र में हासिल की महत्वपूर्ण सफलता
Modified Date: January 23, 2025 / 07:52 pm IST
Published Date: January 23, 2025 7:05 pm IST

China’s ‘artificial sun’ sets new record: चीन का ‘आर्टिफिशियल सन’ यानी Experimental Advanced Superconducting Tokamak (EAST) फ्यूजन रिएक्टर ने प्लाज्मा को 1,000 सेकंड तक स्थिर रखने में सफलता प्राप्त की, जो कि 2023 में बने 403 सेकंड के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित करता है। चीन ने अपने ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। यह परीक्षण चीन की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु फ्यूजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।

न्यूक्लियर फ्यूजन से ऊर्जा उत्पादन का सपना वैज्ञानिकों ने लंबे समय से देखा है, लेकिन इस प्रक्रिया को 100 मिलियन डिग्री सेल्सियस से ऊपर की तापमान पर स्थिर बनाए रखना अब तक एक बड़ी चुनौती रही है। हालांकि, 1,000 सेकंड तक सिस्टम को स्थिर बनाए रखने के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्यूजन ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।

क्या है न्यूक्लियर फ्यूजन?

China’s ‘artificial sun’ sets new record: न्यूक्लियर फ्यूजन वह प्रक्रिया है जो हमारे सूर्य में ऊर्जा उत्पन्न करती है। इसमें दो हल्के परमाणु न्यूक्लियस मिलकर एक भारी परमाणु का निर्माण करते हैं, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह प्रक्रिया परमाणु बम या परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले फिशन के विपरीत है, जिसमें भारी परमाणु को छोटे परमाणुओं में तोड़ा जाता है। फ्यूजन से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता और इसके दुष्प्रभाव भी कम होते हैं, जिससे यह पर्यावरण के लिए सुरक्षित विकल्प बन सकता है।

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EAST और भविष्य की ऊर्जा संभावनाएं

चीन का यह रिकॉर्ड उन वैज्ञानिक प्रयासों की दिशा में एक अहम कदम है, जो भविष्य में ऊर्जा संकट के समाधान और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए ऊर्जा के स्थायी स्रोत की तलाश कर रहे हैं। यह एक ऐसा विकास है, जो आने वाले वर्षों में मानवता के लिए ऊर्जा के स्रोतों को पूरी तरह से बदल सकता है।

चीन ने 2006 में EAST का संचालन शुरू किया था, और तब से इस रिएक्टर ने हजारों परीक्षण किए हैं। अब, EAST की सफलता से प्रेरित होकर चीन ने अपने अगले कदम के रूप में एक और नई पीढ़ी के फ्यूजन रिएक्टरों का निर्माण भी शुरू कर दिया है, जो भविष्य में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि यह तकनीक सफल होती है, तो यह न केवल ऊर्जा संकट को हल करने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में मानवता के सौरमंडल से बाहर की यात्रा को भी संभव बना सकती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com