पहले मुर्गी आई या अंडा आया? अब तक नहीं मिला इस सवाल का जवाब, तो जरूर पढ़ें ये खबर, शोधकर्ताओं ने निकाल लिया हल

पहले मुर्गी आई या अंडा आया? अब तक नहीं मिला इस सवाल का जवाब, तो जरूर पढ़ें ये खबर! Pahle Murgi Aai Ya Anda Aya?

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  • Publish Date - June 16, 2023 / 02:54 PM IST,
    Updated On - June 16, 2023 / 02:54 PM IST

वॉशिंगटन: Pahle Murgi Aai Ya Anda Aya?  पहले मुर्गी आई या अंडा आया? ये ऐसा सवाल है, जिस पर लंबी चौड़ी बहस हो चुकी है। लंबी बहस और चर्चा के बाद किसी को हल नहीं मिल पाया। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि ऐसा लगने लगा है कि इस सवाल का जवाब मिल गया है। जी हां कुछ शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि पहले मुर्गी आई या अंडा आया? इस सवाल का जवाब उन्हें मिल गया है।

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Pahle Murgi Aai Ya Anda Aya?  शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि वर्तमान पक्षियों और सरीसृपों (रेंगने वाले जीव) के पूर्वजों ने जीवित बच्चों को जन्म दिया था। जीवित बच्चों को जन्म देने से मादा को अपने विकासशील भ्रूण की तब तक बेहतर सुरक्षा करने में आसानी होती थी, जब तक कि वह पैदा होने के लिए तैयार न हो जाए। नानजिंग और ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पहले के दावे को चुनौती दी थी कि सबसे पहले कठोर खाल वाले अंडे एमनियोट्स आए थे। एमनियोट्स ऐसे जानवर होते हैं जिनके भ्रूण अंडे के अंतर एक एमनियन के अंदर विकसित होते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि एमनियोटिक अंडा मौजूदा उभयचरों (पानी और जमीन दोनों पर रहने वाले जीव) के एनामियोटिक अंडे से बहुत अलग है, जिसमें अंडे के छिलके और एक्सट्राम्ब्रायोनिक झिल्ली का अभाव होता है।

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अध्ययन ने कहा गया है कि एमनियोटिक अंडे में भ्रूण की झिल्लियों का एक गुच्छा होता है, जिसमें एमनियन, कोरियोन और एलेंटोइस शामिल हैं। साथ ही एक बाहरी शेल भी होता है जो या तो काफी ज्यादा खनिजों से बना हो सकता है (कठोर-खोल वाले अंडे में) या कमजोर खनिज वाले (चर्मपत्र-खोल वाले अंडे के रूप में) हो सकता है। इस अध्ययन का नेतृत्व यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल स्कूल ऑफ अर्थ साइंसेज ने किया। इसमें 51 जीवाश्म प्रजातियों और 29 जीवित प्रजातियों को ओविपेरस के रूप में क्लासिफाई किया गया। ये कठोर या नरम खोल वाले अंडे या विविपेरस हैं, जो जीवित बच्चों को जन्म देते हैं।

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अध्ययन में पाया गया, “स्तनधारियों सहित एमनियोटा की सभी शाखाएं, विस्तारित अवधि के लिए अपने शरीर के भीतर भ्रूण को बनाए रखने में सक्षम हैं। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माइकल बेंटन ने कहा कि हमारे काम, और हाल के वर्षों में कई अन्य लोगों ने पाठ्यपुस्तकों के क्लासिक ‘सरीसृप अंडे’ मॉडल को कचरे की टोकरी में डाल दिया है।” पहले एमनियोट्स ने मां के अंदर कम या अधिक समय तक विकासशील भ्रूण की रक्षा के लिए एक कठोर खोल वाले अंडे के बजाय एक्सटेंडेड भ्रूण रिटेंशन विकसित किया था, इसलिए वातावरण के अनुकूल होने तक जन्म में देरी हो सकती थी।

 

 

 

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