UPSC Success Story: नई दिल्ली। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। आज देश में इस परीक्षा को पास करने का हर स्टूडेंट सपना देखता है। कोई सालों साल मेहनत करके भी सफलता हासिल नहीं कर पाता, तो किसी को पहली बार में ही उपल्ब्धि हासिल हो जाती है। वैसे बता दें कि इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है।
वहीं, उम्मीदवारों को आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) और आईएफएस (IFS) ऑफिसर बनने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। कई उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद इस परीक्षा में बैठते हैं और 2 से 3 प्रयासों के बाद इस परीक्षा को पास कर लेते हैं। परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों की सबसे पहली पसंद आईएएस (IAS) होती है। हालांकि, सीमित सीटें होने के कारण केवल कुछ ही उम्मीदवार आईएएस ऑफिसर का पद हासिल कर पाते हैं।
आज हम आपको यूपीएससी की एक ऐसी सक्सेस स्टोरी बताएंगे जिसे पढ़कर आपको प्रेरणा के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। दरअसल, महज 21 साल में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली। वो भी बिना किसी कोचिंग। अखिल भारतीय स्तर पर 13वीं रैंक हासिल की। इसके बावजूद भारतीय प्रशासनिक सेवा की अफसर नहीं बनीं, जिनका नाम विदुषी सिंह है।
राजस्थान के जोधपुर में जन्मी और पली-बढ़ी विदुषी का पारिवारिक वंश अयोध्या से जुड़ा हुआ है। साल 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीए ऑनर्स (इकोनॉमिक्स) के साथ ग्रेजुएशन करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही सेल्फ स्टडी के जरिए ही परीक्षा की तैयारी की।
ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने एनसीईआरटी (NCERT) और अन्य बेसिक किताबें पढ़कर अपनी नींव तैयार की। फिर उन्होंने महज 21 साल की उम्र में अपने पहले प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 13 के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली। उन्होंने इकोनॉमिक्स को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में रखा था।
हालांकि, टॉप रैंक हासिल करने के बावजूद विदुषी ने आईएएस (IAS) के बजाय आईएफएस (IFS) का चयन किया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके दादा-दादी का सपना भारतीय विदेश सेवा में सरकारी अधिकारी बनना था, इसलिए उन्होंने आईएएस के बजाय आईएफएस को चुना।
UPSC Success Story: अपनी रणनीति बताते हुए उन्होंने बताया कि यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के लिए उन्होंने कई टेस्ट सीरीज और मॉक टेस्ट दिए। उनके मुताबिक सेल्फ स्टडी ही सफलता की असली कड़ी है, इसलिए उन्होंने किसी भी कोचिंग क्लास से कोई बाहरी मदद नहीं ली।