शिमला: Teacher Bharti Latest Update शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए नवरात्रि से पहले खुशखबरी आई है। प्रदेश में 6297 प्राइमरी टीचरों की भर्ती की जाएगी। कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल सरकार ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। शिक्षकों की यह भर्ती आउटसोर्स आधार पर की जाएगी। चयनित शिक्षकों को सरकार साल में केवल 10 महीने का ही वेतन देगी। इन्हें अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन टीचर के नाम से जाना जाएगा।
Teacher Bharti Latest Update शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक आवेदन करने वाले के पास दो साल का एनटीटी डिप्लोमा होना आवश्यक है। एक साल के डिप्लोमा वाले पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा बारहवीं कक्षा यानी प्लस टू में पचास प्रतिशत अंक होने चाहिए। साथ ही नर्सरी टीचर एजूकेशन डिप्लोमा या प्री स्कूल एजुकेशन या अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन प्रोग्राम में दो साल का डिप्लोमा जरूरी है। ये डिप्लोमा नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन से मान्यता प्राप्त संस्थान से हासिल किया हुआ होना चाहिए। जहां तक कोटे का सवाल है तो प्रार्थी यदि एससी, एसटी, ओबीसी के साथ दिव्यांग वर्ग से है तो उसे पांच फीसदी अंकों की छूट मिलेगी। यदि कोई आवेदक बोनाफाइड हिमाचली नहीं है तो उसके लिए हिमाचल के ही शिक्षण संस्थान से 10वीं और प्लस टू कक्षा पास होने की शर्त लागू होगी। इन ट्यूटर्स को वही अवकाश मिलेगा, जो आउटसोर्स कर्मियों के लिए तय है। आवेदक के डिप्लोमा आदि कागजात की जांच स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन करेगा।
भर्ती किए जाने वाले 6297 ट्यूटर्स को मासिक दस हजार रुपए के पारिश्रमिक से ही संतोष करना होगा। इसमें से भी टैक्स व अन्य किसी प्रकार की फीस माइनस होगी। यानी कुल मिलने वाला पारिश्रमिक दस हजार रुपए से कम हो सकता है। इसी प्रकार एक अन्य शर्त ये होगी कि इन ट्यूटर्स को केवल दस माह का ही वेतन दिया जाएगा। जब स्कूल में दो माह का अवकाश होगा तो उन्हें मानदेय नहीं मिलेगा। जो भी ट्यूटर्स नियुक्त होंगे, प्रारंभिक शिक्षा विभाग पर उनका कोई दायित्व नहीं होगा। इनकी आयु सीमा 21 साल से 45 साल तय की गई है। ये सभी ट्यूटर्स जिला विशेष यानी जिस जिला में उनकी पोस्टिंग होगी, वहां के प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक के तहत काम करेंगे। जिस भी स्कूल में इनको तैनाती मिलेगी, वे उस स्कूल के मुखिया यानी हैडमास्टर को रिपोर्ट करेंगे। किसी भी शिक्षक की सेवाओं को बिना सरकार की मंजूरी के खत्म नहीं किया जा सकेगा।