Professor will be able to work for 5 more years after Retirement : नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां के प्रोफेसर रिटायर होने के बाद भी विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे सकते है। दरअसल, विश्वविद्यालय प्रोफेसरों को रिटायरमेंट के बाद 5 साल का सेवा विस्तार देने की योजना बना रहा है। शोध संस्कृति को बढ़ावा देने और रिसर्च से जुड़े शिक्षाविदों को जोड़े रखने के लिए यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसरों को पांच साल और नौकरी पर रखने का प्लान बनाया है। विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। वर्तमान में प्रोफेसरों की रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष है और इसके बाद शिक्षकों को कोई विस्तार नहीं दिया जाता है।
Professor will be able to work for 5 more years after Retirement : विश्वविद्यालय ने रिसर्च से जुड़े शिक्षाविदों को पुन: रोजगार देने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। अधिकारी ने बताया कि ये गाइडलाइंस सिर्फ उन्हीं प्रोफेसरों पर लागू होंगी जो विश्वविद्यालयों के विभागों, केंद्रों, स्कूलों और संस्थानों में पढ़ाते हैं। यह निर्देश विश्वविद्यालय के कॉलेजों पर लागू नहीं होंगे। प्रोफेसरों को रिटायरमेंट के बाद कॉन्ट्रेक्ट पर नियुक्त किया जाएगा। 14 सूत्रीय दिशानिर्देश को मंजूरी के लिए कार्यकारी परिषद की 10 अप्रैल को होने वाली बैठक में रखा जाएगा।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पुनर्नियुक्त प्रोफेसर किसी भी प्रशासनिक पद पर नहीं होंगे। प्रोफेसर/वरिष्ठ प्रोफेसर का पुनर्नियोजन एक शिक्षक के रूप में उनके आचरण, उनके अनुशासनात्मक रिकॉर्ड पर निर्भर करेगा। कोई भी शिक्षक 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद इस तरह के पुनर्नियोजन में नहीं रहेगा।