इंदौर। MPPSC 2019: चार साल से चल रही राज्यसेवा परीक्षा-2019 के अंतिम परिणाम जारी होने में अभी और देरी होगी। दो बार परिणाम बदलने के बाद नार्मलाइजेशन के फार्मूले के खिलाफ पहले अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंचे। अभ्यर्थियों कोर्ट से राहत लेकर आए तो पीएससी ने हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीएससी के वकील नहीं पहुंचे। कोर्ट ने फटकार लगाई और तारीख सीधे आठ सप्ताह आगे बढ़ा दी। फरवरी में अब सुनवाई होगी तब तक परिणाम की भी उम्मीद नहीं है।
राज्यसेवा परीक्षा-2019 की मुख्य परीक्षा भी दो बार हुई और परिणाम भी परिणाम दो बार बदल चुके हैं। उलझनों की खिचड़ी बन चुकी इस चयन प्रक्रिया के बाद इंटरव्यू के भी दो दौर होंगे। दूसरे परिवर्तित परिणाम में ऐसे कई अभ्यर्थी बाहर हो गए थे, जो पहले इंटरव्यू के दौर के लिए चयनित थे। ये अभ्यर्थी कोर्ट में पहुंचे और पीएससी के नार्मलाइजेशन के फार्मूले पर सवाल उठाया। इन्होंने कहा कि दो अलग-अलग परीक्षाओं का आंकलन करने के लिए कोई फार्मूला कैसे बनाया जा सकता है।
कोर्ट ने ऐसे 389 अभ्यर्थियों को राहत दी और पीएससी द्वारा इन्हें इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया। पीएससी ने अपने नए परिणाम से चयनित अभ्यर्थियों के इंटरव्यू तो करवा लिए लेकिन कोर्ट से राहत लेकर आए इन अभ्यर्थियों के लिए इंटरव्यू का दूसरा दौर आयोजित नहीं किया, बल्कि पीएससी ने अब कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए अपील दायर कर दी। पीएससी इन अभ्यर्थियों को अपात्र मान रहा है।