Time Table for Board Exam: आने वाले साल 2024 में बोर्ड एग्जाम शुरू हो जाएंगे, जिसके लिए कुछ बच्चे अभी से पढ़ने लिखने के लिए भिड़ गए हैं। बोर्ड एग्जाम बच्चों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। हर साल ऐसे तमाम बच्चों से सुनने में आता है कि हम पूरी तरह से मेहनत की फिर भी कुछ अहम टॉपिक छूट गए या आखिरी टाइम पर उस टॉपिक को देखना भूल गए।
इसका मतलब की बच्चे बोर्ड एग्जाम की पूरी तरह से तैयारी करने के बावजुद कुछ न कुछ टॉपिक रह ही जाते हैं। स्टूडेंट्स की इसी प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए आज, हम कुछ ऐसे अहम टिप्स देने जा रहे हैं, जिनको फॉलो करके आप अपने पाठ्यक्रम को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
छात्रों से अनुरोध है कि वे हफ्ते या महीने का टाइम-टेबल बनाने के बजाय एक दिन पहले ही अगले दिन का टाइम-टेबल बनाएं। ऐसा करने से आपके ऊपर ज्यागा बोझ नहीं आएगा और आप अपने लॉन्ग टर्म गोल को धीरे-धीरे अचीव कर लेंगे।
छात्र सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि उन्हें कौन सा विषय सबसे कठिन लगता है और कौन सा सबसे आसान। इसके बाद वे अपने टाइम-टेबल के मुताबिक, अपने दिन को तीन स्लॉट में बांट दें। जैसे –
– स्कूल जानें से पहले का समय
– स्कूल से आने और कोचिंग जानें के बीच का समय
– रात में सोने से पहले का समय
दिन को तीन स्लॉट में बांटने के बाद आप सबसे पहले स्लॉट में सबसे कठिन विषय को पढ़ें। इसके बाद दूसरे स्लॉट में आप उस विषय को पढ़े, जो आपको सबसे आसान लगता हो। इसके बाद आप रात के समय यानी तीसरे स्लॉट में ऐसे विषय को पढ़े, जिसे पढ़ते वक्त आपको नींद ना आए, मतलब आप रात के समय मैथ्स या अकाउंट्स के प्रश्नों को सॉल्व कर सकते हैं।
आप अपना टाइम-टेबल तैयार करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपको कौन सा विषय कठिन लगता है और कौन सा आसान, क्योंकि आपको परीक्षा की तैयारी के लिहाज से उस सब्जेक्ट को ज्यादा समय देना है, जिसमें आप कमजोर हैं। इसी प्रकार आप उन सब्जेक्ट को कम समय दे सकते हैं, जो आपको अच्छे से आते हैं।
छात्र स्कूल व कोचिंग रोज जाएं और वहां पढ़ाए जा रहे सभी टॉपिक पर पूरा ध्यान दें, क्योंकि जो कॉन्सेप्ट स्कूल या कोचिंग में कवर हो जाएंगे, उनके लिए आपको अलग से मेहनत नहीं करना पड़ेगी, जिससे आपके रिविजन का समय भी बचेगा और आप उस समय को किसी और टॉपिक को समझने में लगा सकेंगे।
Time Table for Board Exam: आप हफ्ते का एक दिन बफर डे के रूप में रखें, क्योंकि अगर हफ्ते में किसी भी कारण से आप कुछ टॉपिक को कवर करना भूल गए हैं, तो आप बफर डे के दिन हफ्ते भर के बचे हुए सभी टॉपिक को कवर कर सकेंगे। सात से आठ घंटे की नींद जरूर लें। बहुत से छात्र जब भी बोर्ड एग्जाम की तैयारी के लिए टाइम-टेबल बनाते हैं, तो वे सबसे पहले अपने सोने के टाइम से समझौता करते हैं। वे अपनी प्रैक्टिस के टाइम को बढ़ा कर, अपने सोने के समय में कमी करते हैं।
इसका नतीजा कुछ ऐसा होता है कि, छात्र अच्छी नींद ना ले पाने की वजह से अपने टाइम-टेबल को लगातार फॉलो नहीं कर पाते और एक समय के बाद उन्हें नए टाइम-टेबल की जरूरत पड़ती है, जिससे उनका काफी समय बर्बाद होता है। इसलिए सबसे जरूरी है कि आप 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें, क्योंकि अच्छी नींद लेने से ही आप पढ़ी हुई ज्यादा से ज्यादा चीजें अपने दिमाग में स्टोर कर पाएंगे।
अपना सिलेबस कंप्लीट करने के लिए सबसे पहले आप एक स्टडी प्लान डिटेल्ड में तैयार कर लें। सब्जेक्ट्स को डिवाइड करें। हर विषय के लिए प्रॉपर समय तय करें। कितने समय में कौन सा विषय तैयार होगा। इसके साथ ही टफ टॉपिक के लिए आपको कितना एक्स्ट्रा टाइम देना होगा। इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी करें।
अगर आप चाहें तो अपने फेवरेट सब्जेक्ट से अपनी सिलेबस पूरा करने की शुरुआत कर सकते हैं। पंसदीदा विषय को पहले कवर करने से धीरे-धीरे आप एक ट्रैक पकड़ लेंगे और आपकी रुचि बनी रहेगी। इसके बाद आप अगर सहज हों तो तो बीच-बीच में कुछ टफ विषयों के टॉपिक को भी पढ़ सकते हैं, जिससे आसान के साथ-साथ कठिन चैप्टर भी कवर होते रहेंगे।
किसी भी चैप्टर को समझने के बाद उसके कुछ मुख्य बिंदुओं को जरूर लिखें। लिखकर प्रैक्टिस करने से आपकी टॉपिक पर पकड़ और मजबूत बनती है। इसके साथ ही एग्जाम में भी बेहतर प्रदर्शन करने पर यह मदद करती है, क्योंकि, जब आप लिखकर कोई टॉपिक तैयार करते हैं तो निश्चित तौर पर याद की हुई चीजों में हुई गलतियों को पकड़ने में मदद मिलती है। इसलिए इस ओर भी स्टूडेंट्स ध्यान दें।
Time Table for Board Exam: एग्जाम पैटर्न समझने के साथ-साथ स्टूडेंट्स सैंपल पेपर से अहम टॉपिक को भी समझ सकते हैं। इसलिए सैंपल पेपर नजर रखें। इसके साथ ही पुराने वर्षों के क्वैश्चन पेपर भी देख सकते हैं।