अनियमित कर्मचारियों ने कौशल परीक्षा आदेश की कॉपियां जलाकर किया विरोध, विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगाया बड़ा आरोप

अनियमित कर्मचारियों ने कौशल परीक्षा आदेश की कॉपियां जलाकर किया विरोध, विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगाया बड़ा आरोप

  •  
  • Publish Date - March 3, 2020 / 01:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:26 PM IST

अंबिकापुर। संत गाहिरा गुरू विश्वविद्यालय अंबिकापुर में अनियमित कर्मचारियों का आंदोलन आज भी जारी है, यहां आज कर्मचारियों ने कौशल परीक्षा के आदेश की कॉपियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। संत गहिरा गुरु विवि के खिलाफ अनियमित कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं और विश्वविद्यालय द्वारा कौशल परीक्षा लिए जाने का विरोध कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें:  राज्य सरकार ने किए IAS अधिकारियों के तबादले, विशेष गढ़पाले और अनिल …

बता दें कि सरगुजा का संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय प्रबंधन एक बार फिर अपने कारनामे को लेकर सुर्खियों में है और इस बार विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा किसी और ने नहीं बल्कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के ही अनियमित कर्मचारियों ने ही खोला है। आलम यह है कि अनियमित कर्मचारियों ने काम बंद हड़ताल शुरू कर दी है जिससे विश्वविद्यालय प्रबंधन का काम बुरी तरीके से प्रभावित हो रहा है। हद तो यह है कि आगामी कुछ दिनों में वार्षिक परीक्षा भी होने वाली है ऐसे में प्रबंधन और अनियमित कर्मचारियों के बीच का टकराव छात्रों और प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकता है,

ये भी पढ़ें: हॉर्स ट्रेडिंग पर कमलनाथ के मंत्रियों की हुंकार, कहा ‘शिवराज सिंह क…

दरअसल विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा करीब 100 अनियमित कर्मचारियों की भर्ती विगत 10 सालों में की गई है ऐसे में यहां मौजूद कर्मचारी कुशल अकुशल की श्रेणी में काम कर रहे हैं, मगर अब 10 साल बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन को कार्यरत अनियमित कर्मचारियों की दक्षता जांचने का ख्याल आया है, यही कारण है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा कौशल परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें यह बात कही गई कि जो कर्मचारी कौशल परीक्षा में सफल होंगे वो कुशल कर्मचारी के रूप में कार्य करेंगे और जो परीक्षा में अनुत्तीर्ण होंगे उन्हें अकुशल माना जाएगा।

ये भी पढ़ें: संविलयन की घोषणा से शिक्षक पंचायत में खुशी का माहौल, मुख्यमंत्री का…

ऐसे में परीक्षा का अनियमित कर्मचारियों ने एक सिरे से बहिष्कार कर दिया है इसके साथ ही अनियमित कर्मचारियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन पिछले 10 सालों से काम कर रहे अनियमित कर्मियों को निकालने की तैयारी में है और प्रबंधन अपने लोगों की भर्ती की योजना बना रहा है, यही कारण है कि 10 साल बाद कौशल परीक्षा लेने की सुध विश्वविद्यालय प्रबंधन को आई है। ऐसे में अनियमित कर्मचारियों ने कौशल परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर काम बंद हड़ताल शुरू कर दिया है साथ ही साथ यह बात भी कही है कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती तब तक वह काम बंद हड़ताल जारी रखेंगे।

ये भी पढ़ें: महिला एवं बाल विकास विभाग में निकली नौकरी, वेतन 21,000, फ्री में जम…

इधर विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि किसी भी अनियमित कर्मचारियों को विश्वविद्यालय प्रबंधन बाहर नहीं कर रहा बल्कि कौशल परीक्षा आयोजित कर उनके क्षमता का आकलन किया जा रहा है, ऐसे में अब विश्वविद्यालय प्रबंधन अनियमित कर्मचारियों से बात कर कोई हल निकालने की दलील जरूर दे रहा है, मगर आगामी कुछ दिनों में विश्वविद्यालय प्रबंधन से संबद्ध कालेजों में वार्षिक परीक्षा होने वाली है ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन और अनियमित कर्मचारियों का टकराव न सिर्फ छात्रों बल्कि विश्व विद्यालय प्रबंधन की मुश्किल भी बढ़ा सकता है, ऐसे में देखना होगा कि इस टकराव को खत्म कैसे किया जाता है और इसे लेकर क्या हल निकाला जाता है।