जुलाई में 12वीं की परीक्षा कराने CBSE बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, याचिका में छत्तीसगढ़ बोर्ड के निर्णय का दिया हवाला

जुलाई में 12वीं की परीक्षा कराने CBSE बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, याचिका में छत्तीसगढ़ बोर्ड के निर्णय का दिया हवाला

जुलाई में 12वीं की परीक्षा कराने CBSE बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, याचिका में छत्तीसगढ़ बोर्ड के निर्णय का दिया हवाला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:32 pm IST
Published Date: June 10, 2020 11:34 am IST

नईदिल्ली। CBSE बोर्ड द्वारा जुलाई में 12वीं की शेष परीक्षा आयोजित करने के फैसले को अभिभावकों ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। और अदालत से यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि COVID-19 महामारी को देखते हुए छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक दिए जाएं।

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अभिभावकों ने यह आरोप लगाते हुए कि उनके बच्चों सहित अन्य छात्रों को देश भर के 15,000 केंद्रों पर आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए अपने घरों से बाहर आने पर महामारी का सामना करना पड़ेगा। अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा।

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दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय और आईआईटी सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों ने किसी भी परीक्षा का आयोजन नहीं करने का फैसला किया है और सीबीएसई को भी निर्देश दिया गया है कि वह शेष विषयों के लिए परीक्षा का आयोजन न करे। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित कुछ राज्य बोर्डों ने छात्रों को संक्रमण के संपर्क में आने से बचाने के लिए कोई भी परीक्षा आयोजित ना करने का फैसला किया है।

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याचिका में मांग की गई है कि सीबीएसई बोर्ड को 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा रद्द करनी चाहिए और आंतरिक मूल्यांकन या आंतरिक अंकों के आधार पर उत्तीर्ण होना चाहिए। याचिका में कहा गया कि शेष परीक्षा आयोजित करने के लिए सीबीएसई की अधिसूचना भेदभावपूर्ण और मनमानी है और वह भी जुलाई के महीने में जिसमें एम्स के आंकड़ों के अनुसार, कहा गया है कि COVID ​​-19 महामारी अपने चरम पर होगी।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com