NATO vs Russia War: नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच कभी भी युद्ध छिड़ सकता है। दोनों देशों की सेना सीमा पर जंग के लिए पूरी तरह तैयार है। दुनियाभर की निगाहें दोनों देशों के एक्शन पर टिकी हुई है।
NATO vs Russia War: रूस ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से डोनबास के दो शहरों दोनेत्सक और लुहांस्क को दो स्वतंत्र क्षेत्रों के तौर पर घोषित कर दिया है। ये दोनों रूस समर्थित अलगाववादियों के नियंत्रण में हैं। रूस की संसद ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत देश के बाहर सेना का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तनाव के कारण एक बार फिर अमेरिका और पश्चिमी देश एक दूसरे के आमने-सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं।
नाटो के सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन और उनके सहयोगियों ने रूसी राष्ट्रपति को उसी विस्तारवादी रणनीति को अपनाने के खिलाफ चेतावनी दी है, जिसके तहत 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया छीन लिया गया था। हालांकि पुतिन का दावा है कि यूक्रेन का असल देश होने का कोई इतिहास नहीं है। आधुनिक यूक्रेन का जो भी स्वरूप है, उसे रूस ने ही बनाया है। उन्होंने अपने संबोधन में यूक्रेन के नाटो में शामिल होने का जिक्र करते हुए कहा कि यह रूस की सुरक्षा को सीधे तौर पर खतरे में डालने का कदम है।
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नाटो कितना ताकतवर है?
अमेरिका के पास एक लड़ाकू फोर्स है, जो रूस की तुलना में केवल मामूली रूप से बड़ी है। नाटो सदस्यों के पास लगभग 1,346,400 कर्मियों की सेना है। उनमें से मोटे तौर पर 165000 सैनिक तैनात हैं, जबकि 799,500 रिजर्व सैनिक हैं। नाटो 30 देशों का एक ग्रुप है। लेकिन जो सैनिक सक्रिय हैं, वही युद्ध की स्थिति में सबसे पहले उतारे जाएंगे।
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अगर इनके बीच युद्ध होता है, तो किसका पलड़ा भारी रहेगा?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हाल ही में खुफिया जानकारी जारी की। जिसमें पता चला कि रूस के 60 बैटल ग्रुप रूस-यूक्रेन सीमा पर हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि उनकी उपस्थिति क्षेत्र में एक ‘युद्ध’ को भड़का सकती है क्योंकि पुतिन ने हजारों सैनिकों को यूक्रेन में आने को कहा है। पश्चिमी देशों के नेताओं ने कहा कि रूस पूर्वी यूरोप के क्षेत्रों को कब्जे में लेकर यूएसएसआर के समय वाली स्थिति को वापस पाना चाहता है।
व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर कब्जे की बात से इनकार किया है। उनका दावा है कि वह केवल नाटो के विस्तार का विरोध कर रहे हैं। पुतिन यूक्रेन की सीमा पर सैन्य उपस्थिति मजबूत कर रहे हैं। वर्तमान में सैन्य उपकरणों के साथ यहां 100,000 से अधिक रूसी सैनिक तैनात हैं। ठीक इसी समय पुतिन पड़ोसी देश बेलारूस के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। यहां भी रूस के 30,000 से अधिक सैनिक हैं। जो मिसाइल लॉन्च कर और बम गिराने वाले विमान उड़ाकर अभ्यास कर रहे हैं। इसके अलावा रूसी सैनिक काला सागर में अपने जहाजों के साथ सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
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आंकड़ों से पता चलता है कि रूस की सेना अमेरिका के बाद दूसरी बड़ी सेना है। सशस्त्र बलों के आंकड़े बताते हैं कि देश में लगभग 1,154,000 सक्रिय सैनिक हैं। सेना को रिजर्व में रखे गए लगभग 250,000 और सैनिकों का समर्थन प्राप्त है। रूस के पास लगभग 6,400 वॉरहेड की आपूर्ति के साथ, परमाणु हथियारों का दुनिया का सबसे विशाल संग्रह है।