डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश कोविड से जुड़ी गलतियों से बचने के लिए ‘महामारी संधि’ के मसौदे पर सहमत

डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश कोविड से जुड़ी गलतियों से बचने के लिए ‘महामारी संधि’ के मसौदे पर सहमत

डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश कोविड से जुड़ी गलतियों से बचने के लिए ‘महामारी संधि’ के मसौदे पर सहमत
Modified Date: April 16, 2025 / 08:39 pm IST
Published Date: April 16, 2025 8:39 pm IST

लंदन, 16 अप्रैल (भाषा) कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्रीय लॉकडाउन, आर्थिक अनिश्चितता और लाखों लोगों की मौत के पांच साल बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सदस्य देशों ने एक मसौदा ‘महामारी संधि’ पर सहमति व्यक्त की है। यह ‘महामारी संधि’ इस बात के लिए दिशानिर्देश निर्धारित करती है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय अगले वैश्विक स्वास्थ्य संकट का सामना कैसे कर सकता है।

जिनेवा में अगले महीने संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी की वार्षिक बैठक में अपनाए जाने वाले समझौते पर बुधवार की सुबह वार्ता को अंतिम रूप दे दिया गया।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण घोषित करते हुए कहा कि देशों ने साबित कर दिया है कि ‘‘हमारी विभाजित दुनिया में, राष्ट्र अब भी एक सामान्य आधार और साझा प्रतिक्रिया खोजने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।’’

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जनवरी में डब्ल्यूएचओ से अपने देश को वापस लेने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद अमेरिकी अधिकारियों को वार्ता में भाग लेने से रोक दिया गया था और उनसे संधि पर हस्ताक्षर की उम्मीद नहीं है।

कोविड-19 के दौरान मुख्य रूप से अमेरिकी अनुसंधान और विकास के बूते ही सबसे प्रभावी टीके और दवाइयां तैयार की गईं। ट्रंप के फैसले के कुछ हफ्ते बाद अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली भी संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के साथ ‘गंभीर मतभेदों’ का हवाला देते हुए डब्ल्यूएचओ से बाहर चले गए।

‘ड्रग्स फॉर नेग्लेक्टेड डिजीज इनिशिएटिव’ नामक समूह की राचेल क्रॉकेट ने समझौते की सराहना की। उन्होंने कहा कि मसौदा समझौते में असरदार प्रावधान हैं, लेकिन ये केवल तभी कारगर होंगे जब देश उन्हें लागू करना चाहेंगे।

एपी संतोष नेत्रपाल

नेत्रपाल


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