Who is Muhammad Yunus Bangladesh PM?: ढाका: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब नए अंतरिम सरकार बनने की कवायद लगभग पूरी हो चुकी हैं। सेना ने देश के वरिष्ठ समाजसेवी और नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस को देश का नया अंतरिम प्रधानमंत्री बनने का न्यौता दिया था जिसे उन्होंने मान भी लिया हैं। मोहम्मद यूनुस फ़िलहाल मेडिकल वजहों से पेरिस में थे जो सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-ज़मा के बुलावे पर तत्काल वापस लौटे। आज बांग्लादेश के राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन राउन्हें पीएम पद की शपथ दिलाएंगे। इसे पहले मुहम्मद वकार ने देश के नाम अपना पहला सम्बोधन दिया और देशवासियों के सामने अपनी प्राथमिकताओं को भी रखा। मुहम्मद यूनुस ने इस दौरान देश के लोगों के सामने एक बड़ी शर्त भी रख दी।
अपने सम्बोधन में मुहम्मद यूनुस ने कहा कि, “अगर आप देश का नेतृत्व करने के लिए मुझ पर विश्वास करते हैं तो आपको सबसे पहले अपने आस-पास हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमले बंद करने होंगे।आप किसी पर भी हमला नहीं कर सकते।आपको मेरी बात माननी पड़ेगी। अगर आप मेरी नहीं सुनते हैं , तो मेरी यहाँ कोई ज़रूरत नहीं है।इससे बेहतर ये होगा कि मैं चला जाऊँ।”
Who is Muhammad Yunus Bangladesh PM? कल जैसे ही मुहम्मद यूनुस ने ढाका पहुंचने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा था कि बांग्लादेश को दूसरी बार स्वतंत्रता मिली है, यह बांग्लादेश का दूसरा ‘विजय दिवस’ है और लोगों को इसकी रक्षा करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, हमें ऐसी सरकार बनानी होगी जो अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस आजादी का फायदा बांग्लादेश के हर घर तक पहुंचना चाहिए। इसके बिना, इसे दूसरी बार हासिल करना किसी मतलब का नहीं होगा।
1940 में यूनुस का जम्म स्वतंत्रता-पूर्व अविभाजित बंगाल प्रेसीडेंसी के बथुआ गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बांग्लादेश में ही पूरी की। मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में ढाका यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कि फिर वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के लिए अमेरिकी के टेनेसी पहुंच गए। यूनुस को यहां पढ़ने के लिए फुलब्राइट स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने यहां से अपनी पीएच.डी. डिग्री की। 1969 में वेंडरबिल्ट से अर्थशास्त्र में और अगले साल मिडिल टेनेसी स्टेट यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए। बांग्लादेश लौटकर, यूनुस ने चटगांव यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र विभाग को हेड किया।
‘गरीबों के लिए बैंकर’ के नाम से जाने जाने वाले मुहम्मद यूनुस और उनके द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक (Grameen Bank) ने ग्रामीण गरीबों को 100 डॉलर से कम राशि के छोटे लोन देकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद की। इसके लिए साल 2006 में मुहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।